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उधर पद्मावत को हरी झंडी- इधर शुरु हुआ टकराव, राजस्थान सरकार की बढ़ी मुश्किलें

फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन को लेकर डिस्ट्रीब्यूटर्स भी असमंजस की स्थिति में हैं। उनका कहना है कि फिल्म को बड़े पर्दे पर पूर्ण सुरक्षा के आश्वासन...

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जयपुर

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Punit Kumar

Jan 18, 2018

Padmaavat controversy

जयपुर। सुप्रीम कोर्ट द्वार चार राज्यों में फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन की मंजूरी देने से एक बार फिर राजस्थान में टकराव के हालात बन गए हैं। पिछले कई दिनों से इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग कर रहे राजपूत समाज के विरोध और आक्रोश को देखते हुए राज्य सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई है, लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार मुश्किल में पड़ गई है। तो वहीं उसे नई परिस्थितियों के कारण उत्पन्न कानून व्यवस्था की समस्या से निपटना है।

इस मामले पर प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चंद लाब चंद कटारिया ने कहा है कि कानून की पालना की जाएगी, और कोर्ट के आदेश से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए विधि विभाग से राय लेकर रास्ता निकाला जाएगा। जबकि इधर राजपूत संगठनों का कहना है कि वे अपने फैसले पर अडिग हैं। साथ ही कहा कि कानून व्यवस्था संभालने का जिम्मा सरकार का है।

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तो वहीं प्रदेश में फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन को लेकर डिस्ट्रीब्यूटर्स भी असमंजस की स्थिति में हैं। उनका कहना है कि फिल्म को बड़े पर्दे पर पूर्ण सुरक्षा के आश्वासन के बाद ही उतारा जाएगा। बता दें कि फिल्म पद्मावत पर लगी पाबंदी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अंतरिम आदेश दिया। इस आदेश के मुताबिक राजस्थान समेत उन सभी चार राज्यों में फिल्म को रिलीज किया जाएगा, जहां राज्य सरकारों ने रोक लगा राखी है।

गौरतलब है कि राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश और हरियाणा की सरकार ने इस फिल्म के राज्य में प्रदर्शित होने पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद शीर्ष अदालत के आदेश के बाद फिल्म शेष राज्यों में भी बैन नहीं किया जाएगा। साथ ही 25 जनवरी को रिलीज की जाएगी। वहीं पद्मावत के निर्माता देशभर के सिनेमाघरों में 24 जनवरी को इसका पेड प्रीव्यू रखेंगे। फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर्स 24 जनवरी की रात साढ़े 9 बजे स्क्रीन होने वाले शोज का भुगतान करके उसकी जगह पद्मावत को स्क्रीन करेंगे।

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ये है फिल्म से जुड़ा विवाद-

ये है विवाद रानी पद्मिनी के विवादित चित्रांकन का आरोप है। करणी सेना का कहना है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस है। वहीं घूमर गाने पर भी रजवाड़ों ने विरोध जताया गया है हालांकि निर्माताओं ने तमाम बिंदुओं पर सफाई दी। सेंसर ने भी इसे लेकर पांच अहम बदलाव सुझाए थे जिसे निर्माताओं ने पूरा कर दिया है।