
जयपुर। देश के सबसे बड़े अदालत से पद्मावत को हरी झंडी मिलने के बाद फिल्म पूरे देश रिलीज की जाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में चार राज्यों में लगी बैन को असंवैधानिक बताते हुए फिल्म को प्रदर्शित करने को कहा है। तो वहीं संजय लीला भंसाली की ये फिल्म 25 जनवरी को देशभर में रिलीज हो जाएगी। लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद राजनीति गलियारों में बवाल तेज हो गया। जबकि अदालत के फैसले पर फिल्म विवाद से जुड़ी कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है।
कालवी ने किया तीखा पलटवार-
शरुआत से इस फिल्म का विरोध कर रहे राजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी ने कोर्ट के फैसले पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने फिल्म के प्रदर्शन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आदेश पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि देशभर में वो समाजिक संगठनों से अपील करेंगे कि वह फिल्म को चलने नहीं दे। साथ ही कहा कि फिल्म हॉल पर जनता कर्फ्यू लगा दे। कालवी ने दावा किया कि सिनेमा हॉल मालिक हमसे पूछकर ही फिल्म चलाएंगे। साथ ही बताया कि राजस्थान के सिनेमा हॉल मालिकों ने लिखित पत्र देकर भरोसा दिलाया है कि करणी सेना के मंजूरी के बाद ही फिल्म को प्रदर्शित किया जाएगा।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा-
तो वहीं इससे पहले करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने एक वीडियो सन्देश जारी करते हुए कहा कि आदेश को डबल बेंच में चुनौती दी जायेगी। इस मामले पर राष्ट्रपति तक से मिलकर हस्तक्षेप की गुहार लगाई जायेगी। फिल्म रिलीज़ राजपूत समाज की आन-बान-शान के साथ ही भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है, इसे किसी भी कीमत पर रिलीज़ नहीं होने दिया जाएगा। गोगामेड़ी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये भी कहा कि चार सीनियर जजों ने भी कुछ दिनों पहले अदालत के काम काज को लेकर सवाल उठाये थे। अब फिल्म निर्देशक की ओर से याचिका दायर करने के अगले ही दिन आदेश दे दिया जाता है जबकि कई मामलों पर छह-छह महीने लग जाते हैं।
कांग्रेस और बीजेपी का बयान से परहेज-
इतना ही नहीं इस पूरे मामले में कांग्रेस और बीजेपी भी बोलने से बचती नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो फिल्म विवाद पर बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रवक्ताओं से कुछ बोलने से साफ मना किया है। तो वहीं हमेशा से विवादित बयान देकर सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी नेता और हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट सबसे बड़ी अदालत है, इसलिए हम इस फैसले से बंधे हुए है। कोर्ट ने इस मामले पर हमारा पक्ष सुने बिना ही आपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले पर हम विचार करेंगे कि इसके खिलाफ अपील की जा सकेगी या फिर नहीं।
दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने ये कहा-
देश के पूर्व टेलिकॉम मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय एक कलाकार की बोलने की आजादी और उसके अधिकारों की पुष्टि करता है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताया कि देश की राज्य सरकारें भी कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करेंगी और साथ देंगी। और फैसले को लागू करने में कोई बाधा नहीं आने देगी। बता दें कि पद्मावत के निर्माता देशभर के सिनेमाघरों में 24 जनवरी को इसका पेड प्रीव्यू रखेंगे। फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर्स 24 जनवरी की रात साढ़े 9 बजे स्क्रीन होने वाले शोज का भुगतान करके उसकी जगह पद्मावत को स्क्रीन करेंगे।
उधर इस फैसले के बाद प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चंद लाब चंद कटारिया ने कहा है कि कानून की पालना की जाएगी, और कोर्ट के आदेश से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए विधि विभाग से राय लेकर रास्ता निकाला जाएगा। जबकि इधर राजपूत संगठनों का कहना है कि वे अपने फैसले पर अडिग हैं। साथ ही कहा कि कानून व्यवस्था संभालने का जिम्मा सरकार का है। जबकि दूसरी ओर देखें तो अदालत द्वारा पद्मावत के प्रदर्शन की मंजूरी देने से एक बार फिर राजस्थान में टकराव के हालात नजर आ रहे हैं। जो राज्य सरकार को मुश्किलों में डाल सकता है। जहां कानून व्यवस्था की समस्या से सरकार को निपटना होगा।
Published on:
18 Jan 2018 06:29 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
