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सीएम भजनलाल का बड़ा ऐलान, अब राम के नाम से जाना जाएगा राजस्थान का ये अहम प्रोजेक्ट

Ram Jal Setu Link Project: सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में विराजमान हुए थे।

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Ram Jal Setu Link Project: जयपुर। पार्वती-कालीसिंध-चबल लिंक परियोजना (पीकेसी) अब रामजल सेतु लिंक परियोजना के नाम से जानी जाएगी। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यह ऐलान किया।

सीएम भजनलाल ने मुख्यमंत्री निवास पर बुधवार को रामजल सेतु लिंक परियोजना के नामकरण के बाद इसके पोस्टर का विमोचन किया। सीएम ने कहा कि 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में विराजमान हुए थे।

श्रीराम ने सत्य की विजय के लिए समुद्र पर सेतु बनाकर एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ने का काम किया। उनसे प्रेरणा लेते हुए पीएम मोदी के नेतृत्व में राजस्थान व मध्यप्रदेश को सुजलाम सुफलाम बनाने के लिए नदियों को जोड़ने की परियोजना बनाई गई।

राजस्थान की 40% आबादी को मिलेगा पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नदियों को जोड़ने के सपने को साकार करते हुए रामजल सेतु परियोजना के पूर्ण होने पर प्रदेश की 40% आबादी को पेयजल एवं सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हो सकेगा।

इस परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियों कुन्नू, कूल, पार्वती, कालीसिंध और मेज के सरप्लस वर्षा जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, रूपारेल, पार्वती, गंभीर नदी के बेसिनों में भेजा जाएगा।

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परियोजना से जुड़ी खास बातें

-4102 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध हो सकेगा, इसमें 522 एमसीएम पुनर्चक्रित जल भी शामिल रहेगा।

-17 जिलों को परियोजना से वर्ष 2054 तक पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

-3.25 करोड़ लोगों को पेयजल की उपलब्धता होगी।

-2.50 लाख हेक्टेयर नए क्षेत्र में सिंचाई

-1.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी की व्यवस्था हो सकेगी।


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