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Pension Fraud: पेंशन धारकों को ठगने का “नया तरीका”, जीवन प्रमाण पत्र अपडेट के नाम पर ऐसे बढ़ा साइबर फ्रॉड

Senior Citizen Safety: राजस्थान पुलिस की चेतावनी, ओटीपी या रिमोट एक्सेस साझा न करें, नहीं तो खाली हो सकता है बैंक खाता, साइबर क्राइम शाखा की एडवाइजरी: केवल आधिकारिक वेबसाइट या ई-मित्र केंद्र से ही कराएं जीवन प्रमाण पत्र अपडेट ।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Oct 28, 2025

चिटफंड घोटाले में ढिलाई! 94 हजार निवेशक ठगे गए, फरार आरोपियों की तलाश अब तक जारी...(photo-patrika)

चिटफंड घोटाले में ढिलाई! 94 हजार निवेशक ठगे गए, फरार आरोपियों की तलाश अब तक जारी...(photo-patrika)

Cyber Security: जयपुर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने पेंशन धारकों को ठगने के एक नए तरीके को लेकर महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने चेताया है कि साइबर अपराधी अब पेंशन निदेशालय के नाम पर ‘जीवन प्रमाण पत्र अपडेट’ कराने के बहाने वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।
उपमहानिरीक्षक पुलिस (साइबर क्राइम) विकास शर्मा ने बताया कि जालसाज स्वयं को पेंशन कार्यालय का कर्मचारी बताकर कॉल करते हैं और बातचीत के दौरान पेंशन धारक की निजी जानकारी जैसे नियुक्ति विवरण, सेवानिवृत्ति तिथि, पीपीओ नंबर, आधार नंबर, बैंक खाता, पता और नॉमिनी का नाम तक प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद वे जीवन प्रमाण पत्र अपडेट के नाम पर ओटीपी साझा करने को कहते हैं और फर्जी लिंक या ऐप (जैसे AnyDesk, QuickSupport आदि) भेजकर मोबाइल या कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस ले लेते हैं। रिमोट एक्सेस मिलते ही अपराधी बैंक खातों से राशि अन्य फर्जी खातों में ट्रांसफर कर देते हैं।

राजस्थान पुलिस ने पेंशन धारकों को दिए पांच महत्वपूर्ण सुझाव

क्रमराजस्थान पुलिस के पांच महत्वपूर्ण सुझाव
1कभी भी ओटीपी या बैंक डिटेल साझा न करें। पेंशन निदेशालय या कोई सरकारी विभाग इस तरह की जानकारी फोन पर नहीं मांगता।
2केवल अधिकृत ई-मित्र केंद्र या आधिकारिक वेबसाइटhttps://jeevanpramaan.gov.inसे ही जीवन प्रमाण पत्र अपडेट कराएं।
3किसी भी अनजान व्यक्ति के भेजे लिंक या ऐप को डाउनलोड न करें। रिमोट एक्सेस देने से आपका पूरा डिवाइस अपराधियों के नियंत्रण में जा सकता है।
4यदि कोई कॉल करने वाला व्यक्ति दबाव बनाए या धमकाए, तुरंत कॉल काट दें। किसी भी परिस्थिति में डर या लालच में न आएं।
5संदेहास्पद गतिविधि की तुरंत शिकायत करें। नजदीकी पुलिस स्टेशन, साइबर थाने, पोर्टल https://cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत संपर्क करें।

इसलिए बनाते हैं वरिष्ठ नागरिकों को निशाना

डीआईजी शर्मा ने कहा कि साइबर अपराधी अब वरिष्ठ नागरिकों को आसान निशाना बना रहे हैं, क्योंकि वे तकनीकी प्रक्रियाओं से उतने परिचित नहीं होते। ऐसे में परिवार के सदस्यों को भी अपने बुजुर्गों को समय-समय पर जागरूक करना चाहिए। उन्होंने बताया कि राजस्थान पुलिस साइबर सुरक्षा को लेकर लगातार जनजागरूकता अभियान चला रही है और नागरिकों से अपील की है कि वे जागरूक रहें, सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध कॉल या ऑनलाइन अनुरोध पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।