
फाइल फोटो पत्रिका
Pension Scheme Update : जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने जीपीएफ सम्बद्ध पेंशन योजना के आदेश का कड़ा विरोध किया है। अध्यक्ष डॉ. माताप्रसाद शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय अकादमिक रूप से स्वतंत्र है, जबकि उनकी वित्तीय स्वायत्तता पूरी तरह सरकार के अधीन है। ऐसे में पेंशन का भार विश्वविद्यालयों पर डालना पूरी तरह अनुचित और अव्यावहारिक है।
संघ ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन का संपूर्ण भार राज्य सरकार से ही उठाने का आग्रह किया। साथ ही सरकार को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ यथावत जारी रखना चाहिए। राजस्थान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी सरकार के आदेश का विरोध किया है।
अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार स्वीकार कर चुकी है कि विश्वविद्यालय और स्वायत्तताशासी संस्थान अकादमिक रूप से स्वायत्त हैं, जबकि उनकी वित्तीय स्वायत्तता पूर्णत: सरकार के अधीन है। ऐसे में विश्वविद्यालयों पर पेंशन का वित्तीय भार डालना अनुचित है। सरकार ने पूर्व में अपने स्तर पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का निर्णय लिया था। अत: अब इस योजना का भार विवि. और अन्य संस्थानों पर डालना अपनी पूर्व घोषित नीति से पीछे हटना है।
जेसीटीएसएल कार्मिकों ने भी आदेश का विरोध किया। यूनियन के अध्यक्ष बोदूराम वर्मा व महासचिव चंद्रप्रकाश ने बताया कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों, मृत कर्मचारियों के आश्रितों व कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा का अधिकार का सपना एक झटके में टूट जाएगा। इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा।
Published on:
12 Oct 2025 10:25 am
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