
फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Phone Tapping Controversy in Rajasthan: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। पांच साल पहले कथित तौर पर सरकार गिराने की साजिश और फोन टैपिंग मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व OSD रहे लोकेश शर्मा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
बता दें, हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया, जिसके बाद गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया।
इस बयान के जवाब में लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर तंज कसते हुए गहलोत को चुनौती दी है कि वे अपने आरोपों के समर्थन में सबूत सार्वजनिक करें। लोकेश शर्मा ने अपनी 'एक्स' पोस्ट में गहलोत पर देरी से और दबाव में आने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते… 24 घंटे लग गए बहुत किरकिरी और भारी दबाव के बाद खुद को सही बताने के लिए प्रतिक्रिया देने में।
उन्होंने आगे कहा कि खैर अब जब यहां लंबा-चौड़ा लिखा है तो कल अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आपकी सरकार गिराने की साजिश रचने वाले अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट के ख़िलाफ़ जो सबूत आपके पास रखे हैं, जिनका ज़िक्र आप बार-बार करते हैं कि "मेरे पास सारे सबूत हैं" उन्हें प्रदेश और देश की जनता के सामने सार्वजनिक कर दीजिये…ताकि जो लोग आपको फर्जी-फर्जी बोल रहे हैं।
लोकेश शर्मा ने आगे कहा कि उन्हें वास्तविकता पता चल सके और साथ ही जब आप विधायकों से खरीद-फरोख्त की बात करने वाले ऑडियो का ज़िक्र कर ही रहे हैं तो फ़ोन टैपिंग मामले की सारी सच्चाई सामने रखकर अपने-आप को पाक-साफ़ क्यों नहीं कर लेते कि-
फोन टेप किसने करवाया…??
जो ऑडियो सर्कुलेट करने के लिए पेन ड्राइव में मुझे दिए वो आपके पास कहाँ से आए…??
फोन टेप (रिकॉर्डिंग) लीगली करवाई थी…??
मुझे पेन ड्राइव, लैपटॉप और फोन डिवाइस सहित सारे सबूत नष्ट करने के निर्देश क्यों दिए थे…??
मुख्यमंत्री होते हुए भी आपने सरकार गिराने की साजिश करने वाले अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत पर इस आपराधिक कृत्य के लिए सबूत होने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं की…??
रटे-रटाए आरोप लगाने के बजाय तथ्य और सबूतों के साथ प्रेस वार्ता कर सच बोल दीजिये।
बताते चलें कि यह पूरा मामला जुलाई 2020 का है, जब राजस्थान की कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तनातनी चरम पर पहुंच गई थी। सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। इस दौरान गहलोत सरकार ने आरोप लगाया था कि पायलट और उनके सहयोगियों ने विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश रची ताकि सरकार को अस्थिर किया जा सके।
इसके साथ ही राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए विधायकों को पैसे का लालच देने का भी आरोप लगाया गया था। इन आरोपों के आधार पर पहले राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने मामला दर्ज किया। बाद में इसे एसीबी को स्थानांतरित कर दिया गया। एसीबी ने उदयपुर निवासी भरत मालानी और ब्यावर निवासी अशोक सिंह के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में सचिन पायलट को भी बाद में आरोपी बनाया गया था।
बता दें, इससे पहले गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में 2020 में कांग्रेस सरकार गिराने की साज़िश करने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एसीबी द्वारा एक मुकदमे में एफआर लगाने पर बड़ी-बड़ी बातें कह रहे हैं। वो यह बताएं कि यदि इतने ही ईमानदार हैं तो विधायकों से खरीद-फरोख्त की बात करने वाले ऑडियो की जांच के लिए आज तक वॉइस सैंपल क्यों नहीं दिया?
गहलोत ने कहा कि संजय जैन वाले मुकदमे में वो बार-बार अदालत में वॉइस सैंपल देने का विरोध क्यों करते हैं? यदि वो ईमानदार हैं तो एक बार वॉइस सैंपल देकर अपनी ईमानदारी साबित करें। सरकार बदलने के बाद पहले संजीवनी केस और अब दूसरे मामलों में जांच एजेंसियों पर दबाव डालकर तथ्य तोड़े-मरोड़कर एफआर लगाई जा रही है जिससे कोर्ट के सामने कोई और चारा नहीं बचता है।
उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त 2020 में सरकार गिराने के लिए 30 विधायकों के समर्थन वापसी के दावे, 20 विधायकों को मानेसर ले जाना, अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और जफर इस्लाम से मुलाकात, कांग्रेस नेताओं पर ईडी, आईटी और सीबीआई के छापे, विधायकों को रिश्वत के मामले, बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के ऊपर अचानक मुकदमे समेत सभी यादें प्रदेशवासियों के मन में ताज़ा हैं। सांसद हनुमान बेनीवाल ने ही कुछ दिन पूर्व ही सरकार गिराने के संदर्भ में बयान दिया था कि उस समय वो भाजपा का सहयोग कर रहे थे।
गहलोत ने कहा कि तब महीनेभर पहले मध्य प्रदेश में जैसे सरकार गिराई गई थी वही प्रयास राजस्थान में हुए इसमें किसी को शक नहीं है। कांग्रेस आलाकमान और जनता के आशीर्वाद से वह प्रयास असफल हुआ था और हमारी सरकार 5 साल चली। इससे श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत सभी लोग मन मसोस कर रह गए। इस प्रकार गजेन्द्र सिंह शेखावत चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास के इस पाप से कभी मुक्त नहीं हो सकते।
Published on:
17 Sept 2025 04:16 pm
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