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राजस्थान के 15 नए जिलों में कलक्टर को नहीं मिली निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी, इन दो जिलों में ​कलक्टर ही नहीं

Rajasthan : राजस्थान के 15 नए जिलों में कलक्टर को निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी नहीं मिली है। इन दो जिलों में तो कलक्टर ही नहीं है। अधिकतर नए जिलों में अभी न पुलिस लाइन अस्तित्व में है न ही अन्य विंग।

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अशोक गहलोत

राजस्थान में बनाए गए 15 नए जिलों में कलक्टर और पुलिस अधीक्षक को चुनाव के दौरान अहम जिम्मेदारी नहीं मिलेगी। निर्वाचन विभाग ने पुराने जिलों के कलक्टर को ही जिला निर्वाचन अधिकारी माना है। इसी तरह कानून व्यवस्था के मामले में भी नए जिलों के बजाय पुराने जिलों के पुलिस अधीक्षक से ही प्रतिदिन रिपोर्ट ली जा रही है। तीन दिन पहले हुई बैठक में भी चुनाव आयोग ने पुराने जिलों के ही कलक्टर और एसपी से ही संवाद किया है। हालांकि नए जिलों के कलक्टर इन्हें सहयोग जरूर करेंगे। प्रदेश में 17 नए जिले बनाए गए हैं। इनमें से पन्द्रह जिलों का विभाजन करते हुए एसपी और कलक्टर लगा दिए हैं। निर्वाचन विभाग पुराने जिलों के हिसाब से ही काम कर रहा है। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सहित पूरी टीम जब प्रदेश के दौरे पर आई थी तब भी बैठक में 33 जिलों के निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को बुलाया गया था। हालांकि चुनाव आयोग ने संवाद पुराने जिलों के अधिकारियों से ही किया।

जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण में कलक्टर नहीं

सरकार ने 15 जिलों में कलक्टर और एसपी तैनात कर दिए, लेकिन जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण में अभी कलक्टर नहीं लगाए। यहां अभी विशेषाधिकारी ही लगा रखे हैं। यहां अभी जिलों का विभाजन नहीं किया गया है। ऐसे में जयपुर और जोधपुर कलक्टर ही पूरा जिम्मा संभाल रहे हैं।

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ये बनाए नए जिले

दूदू, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल, अनूपगढ़, फलौदी, गंगापुर सिटी, डीग, नीम का थाना, ब्यावर, शाहपुरा, केकड़ी, सलूम्बर, बालोतरा, डीडवाना-कुचामन, सांचौर।

पुलिस लाइन अस्तित्व में नहीं आई

नवगठित जिलों में भले ही एसपी और अन्य अधिकारी तैनात कर दिए, लेकिन अभी न पुलिस लाइन अस्तित्व में है न ही अन्य विंग। पुलिस लाइन के लिए पुराने जिले से 50-50 जवान दिए गए हैं। चुनाव के दौरान निरोधात्मक कार्रवाई के लिए भी ये जवान पर्याप्त नहीं हैं। इन जिलों की आयोग को भेजी जाने वाले प्रतिदिन की रिपोर्ट पुराने जिलों के एसपी ही भेज रहे हैं।

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