
Rajasthan News : राजस्थान में 3236 छोटे-बड़े बांधों को पंचायतों से छीनकर वापिस जल संसाधन विभाग को सौंपे जाएंगे। सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। पंचायती राज संस्थाओं के अधीन रहे इन तालाब-बांधों की स्थिति बदतर हो गई है। कई जगह नहरी तंत्र क्षतिग्रस्त हो गया तो कहीं बांधों की पाल, गेट टूट गए। कुछ बांध तो अतिक्रमण की भेंट तक चढ़ गए। नतीजा, बांधों की भराव क्षमता घट गई। कुछ जगह तो बारिश में बांध की पाल टूटने से पानी निचले इलाकों तक पहुंच गया। इससे आबादी क्षेत्र में जल भराव हो गया। इन बांधों से 2.40 लाख हैक्टेयर सिंचित एरिया जुड़ा हुआ है लेकिन हकीकत यह है कि 50 प्रतिशत हिस्से में भी सिंचाई नहीं हो पा रही है। सार-संभाल नहीं होने के कारण ऐसे हालात बने हैं।
संसाधन विभाग को हस्तांतरण के बाद इन बांधों को दो साल में जीर्णोद्धार करने का प्लान है, ताकि सिंचाई के लिए पानी का संग्रहण किया जा सके। इनमें ऐसे तालाब, बांध भी हैं, जिनका निर्माण 1871 में हुआ था।
बांध, तालाबों की भराव क्षमता कम होने का बड़ा असर किसानों पर पड़ रहा है। सिंचाई के लिए पूरा पानी नहीं मिल पा रहा। नहरी तंत्र क्षतिग्रस्त होने से स्थिति और बिगड़ी है।
Published on:
03 May 2025 09:55 am
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