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RSRDC के 2 प्रोजेक्ट डायरेक्टर व एक सेवानिवृत्त सहायक लेखाधिकारी को ACB ने किया गिरफ्तार, 1.25 करोड़ रुपए बरामद

Rajasthan Crime News : राजस्थान की राजधानी जयपुर में एसीबी ने दो प्रोजेक्ट डायरेक्टर व एक सेवानिवृत्त (संविदाकर्मी) सहायक लेखाधिकारी को 1.20 लाख रुपए की घूस देते व लेते गिरफ्तार किया। पूरे घटना हैरान करने वाली है।

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Rajasthan ACB Arrested 2 Project Directors a Retired Assistant Accountant of RSRDC Rs 1.25 Crore Recovered

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एसीबी ने दो प्रोजेक्ट डायरेक्टर व एक सेवानिवृत्त (संविदाकर्मी) सहायक लेखाधिकारी को 1.20 लाख रुपए की घूस देते व लेते गिरफ्तार किया।

Rajasthan Crime News : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने राजस्थान राज्य विकास निगम (आरएसआरडीसी) में सड़क, टोल, भवन व अन्य निर्माण कार्यों के बदले चल रहे घूस के खेल का पर्दाफाश किया है। एसीबी ने दो प्रोजेक्ट डायरेक्टर व एक सेवानिवृत्त (संविदाकर्मी) सहायक लेखाधिकारी को 1.20 लाख रुपए की घूस देते व लेते गिरफ्तार किया। डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि झालाना स्थित आरएसआरडीसी मुख्यालय में सोमवार दोपहर को धौलपुर के अधिशासी अभियंता एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर सियराम चन्द्रावत, भरतपुर के अधिशासी अभियंता एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर लक्ष्मण सिंह को सेवानिवृत्त सहायक लेखाधिकारी हाल सलाहकार मुख्य प्रबंधक (आरएसआरडीसी) महेश चंद गुप्ता को 1.20 लाख रुपए की रिश्वत देते व लेते गिरफ्तार किया। आरोपियों के घर व अन्य ठिकानों से सर्च में करीब 1.25 करोड़ रुपए और बरामद हुए। रात तक सर्च जारी थी। उन्होंने बताया कि एसीबी को सूचना मिली थी कि आरएसआरडीसी में ठेकेदारों को बजट राशि बढ़ाने के बदले में मोटी घूस ली जा रही है।

करीब दो माह से एसीबी की टीमें कर रहीं थी निगरानी

करीब दो माह से एसीबी की अलग-अलग टीमें आरएसआरडीसी के अधिकारियों व इनसे जुड़े लोगों की निगरानी कर रही थी। दो माह में आरोपी कई बार घूस की रकम देने जयपुर आए, लेकिन मंगलवार को एसीबी की टीम ने आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ लिया। कार्रवाई के समय प्रबंध निदेशक सुधीर माथुर दफ्तर में नहीं थे। एसीबी टीमें सुधीर माथुर सहित अन्य आरोपियों के जयपुर, भरतपुर, धौलपुर व सीकर में आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर सर्च कर रही है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर धौलपुर व भरतपुर से जयपुर घूस की रकम देने आए थे और एसीबी की टीम दोनों का धौलपुर व भरतपुर से पीछा कर रही थी।

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चालक को बुलाकर रकम कार में रखवाई, एक नहीं, सभी कमरों में बैठता

दोनों प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरएसआरडीसी मुख्यालय पहुंचे और यहां पर आरोपी महेश चंद गुप्ता को घूस के 1.20 लाख रुपए दिए। तभी गुप्ता ने अपने निजी चालक को बुलाकर रकम दी और उसे कार में रखने के लिए भेज दिया। चालक रकम को कार में रख रहा था, तभी एसीबी की टीम ने आरोपियों को पकड़ लिया। इस संबंध में चालक से भी पूछताछ की जा रही है। आरोपियों के पास से मौके पर 1.11 लाख रुपए और बरामद किए। आरएसआरडीसी के कर्मचारियों ने बताया कि संविदा पर लगे महेश चंद गुप्ता का यहां ठिकाना एक कमरा नहीं था। वह जब चाहे किसी भी कमरे में जाकर बैठ जाता था।

तीन को हिरासत में ले रखा

एसीबी ने सीकर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बाबूलाल सहित दो अन्य कार्मिकों को हिरासत में लिया है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है। इनकी भूमिका मिलने पर गिरफ्तारी हो सकती है।

तिजौरी, लॉकर व नोट गिनने की मशीन मिली

आरोपी महेश चंद गुप्ता के जगतपुरा आवास पर एसीबी की टीम ने सर्च किया। एसीबी को यहां पर तिजौरी व लॉकर नोटों की गड्डियों से भरे मिले। नोट गिनने की मशीन भी मिली। गुप्ता के घर पर रात तक 92 लाख रुपए की गिनती की जा चुकी थी। वहीं सियाराम चन्द्रावत के आवास पर 32 लाख रुपए से अधिक बरामद किए गए। लिफाफा, बैग व अन्य कई जगह रुपए रखे मिले।

लाखों रुपए कीमत के मिले जेवर

एसीबी ने आरोपी महेश चंद गुप्ता के आवास पर लाखों रुपए की कीमत के जेवर मिले। एसीबी को सोने-चांदी के जेवरों को तराजु से तोलना पड़ा।

टोल नाकों के नाम पर चल रहा बड़ा घोटाला

सीकर निवासी ताराचंद सैनी आरएसआरडीसी में ठेकेदारी करता था। उसने एसीबी टीम को भी बताया कि राजस्थान के कई जगह संचालित टोल नाके लाखों रुपए टेंडर में छूटने चाहिए, लेकिन आरएसआरडीसी अधिकारी मिलीभगत के चलते हजारों रुपए में ही टेंडर दे रखे हैं। टोल नाकों के नाम पर बड़ा घोटाला चल रहा है।

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