आंखें बंदः नहीं होती नियमित जांच
हादसे होने के बाद ही नगर निगम की ओर से शहर में मानकों की जांच की जाती है। जबकि, ये सतत प्रक्रिया है। यह तो गनीमत है कि जयपुरवालों को संभलने का मौका मिल जाता है। गेम जोन से लेकर रूफटॉप रेस्टोरेंट और कोचिंग संस्थान की नियमित रूप से जांच भी नहीं की जाती है।देते लालचः वीकेंड पर बच्चों के लिए स्कीम्स
शहर में संचालित गेम जोन में वीकेंड पर बच्चों के लिए विशेष ऑफर निकाले जा रहे हैं। क्षमता से अधिक बच्चों को भरा जा रहा है। रविवार को निगम की जांच में शहर में ऐसे ही कई गेम जोन मिले, जहां बच्चों को क्षमता से अधिक एंट्री दे रखी थी।दिखा एक्शनः बच्चों को बाहर निकाल छह जोन सील
ग्रेटर निगम की अग्निशमन शाखा की ओर से शहर में 10 गेम जोन का निरीक्षण किया गया। टीम ने गांधी पथ, अजमेर रोड, झोटवाड़ा में निरीक्षण किया। सबसे अधिक खामियां झोटवाड़ा स्थित ट्राइटन मॉल में देखने को मिली। यहां करीब छह गेम जोन को सील कर दिया गया। इससे पहले बच्चों को बाहर निकाला गया। यहां लकड़ी, कपड़ा, थर्माकोल, गत्ते और रबर-प्लास्टिक का उपयोग किया गया था। इन गेम जोन का जो स्ट्रेक्चर बनाया गया है वह भी फायर प्रूफ नहीं मिला।जारी रहेगा अभियान
शहर में गेम जोन हों या फिर बड़े मॉल, यहां पर अभियान चलाकर सुरक्षा मानकों की जांच शुरू कराई जा रही है। गेम जोन की जांच का अभियान लगातार जारी रहेगा।-सरिता मील, उपायुुक्त, फायर शाखा, ग्रेटर निगम