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Rajasthan Politics : राजस्थान की BJP प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के एक बयान पर मचा ‘बवाल’, दिल्ली तक गर्माया सियासी पारा

Lok Sabha Election 2024 in Rajasthan : नागौर से भाजपा प्रत्याशी डॉ मिर्धा ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एक सभा में दिए भाषण के बाद कांग्रेस-भाजपा नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला रफ़्तार पकड़ने लगा है।    

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Rajasthan BJP Jyoti Mirdha reacts on Congress Shashi Tharoor over Constitutional amendment statement 

संविधान में बदलाव को लेकर भाजपा प्रत्याशी डॉ ज्योति मिर्धा के बयान पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'जब अनंत हेगड़े ने संविधान बदलने का राग छेड़ा था, तब भाजपा ने जल्दबाजी में इसे रफा-दफा कर उन्हें उम्मीदवारी से बाहर कर दिया था। अब एक और भाजपा उम्मीदवार कह रही हैं कि भाजपा का लक्ष्य संविधान बदलना है। सच सामने लाने के लिए भाजपा और कितने उम्मीदवारों से मुंह मोड़ेगी?'

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भाजपा प्रत्याशी डॉ ज्योति मिर्धा का कहना है कि भाजपा का उद्देश्य राष्ट्रीय व सार्वजनिक हित है। यदि इन उद्देश्यों के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता पड़ती है, तो ऐसा किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता थरूर को जवाब देते हुए मिर्धा ने कहा, 'पिछले साल सितंबर में महिला आरक्षण विधेयक के लिए जो 106वां संविधान संशोधन किया गया, लगता है कि आपने बिना इच्छा के ही मदद का हाथ बढ़ाया था।'

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[typography_font:14pt;" >बेनीवाल ने आगे कहा, 'इनके बयानों से यह स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी बाबा साहब के संविधान को खत्म करने को आतुर है। नागौर लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार अपने बयानों के माध्यम से स्वयं उनके और उनकी भाजपा पार्टी के विचारों से जनता को अवगत करवा रही है कि इस बार सत्ता में आने के बाद दलितों और पिछड़ों से संविधान प्रदत्त आरक्षण रूपी हक छीनकर उन्हें सामाजिक न्याय से वंचित करने का प्रयास किया जाएगा।

मिर्धा ने आगे कहा, 'निंदा करने वाले सभी सम्मानित महानुभाव विधि एवं संविधान के ज्ञाता हैं और वे सभी जानते हैं कि 1950 से पिछले वर्ष तक संविधान में 106 संशोधन हुए हैं। पिछले वर्ष जो सबसे अंतिम और अत्यंत ऐतिहासिक संशोधन हुआ, उसी के फलस्वरूप हमारा दशकों से लंबित महिलाओं के संसद में 33% आरक्षण का सपना साकार हो पाया है, जिसका इन्हीं महानुभावों (शशि थरूर) ने भी संसद मे पुरजोर समर्थन किया था।'

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डॉ मिर्धा ने आगे कहा, 'पूर्व में भी अनेक संशोधन देश हित एवं जनहित के उद्देश्य से ही संविधान में किए गए हैं। यहां यह कहना अत्यंत आवश्यक है कि हमारा पवित्र संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, जिसमें समय-समय पर संशोधन जनता और देश का कल्याण सोचकर ही किए गए हैं। जिन बाबा साहेब आंबेडकर का संदर्भ देकर मेरी निंदा की जा रही है, उन्होंने भी इस आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए ही संविधान मे अनुच्छेद 368 का प्रावधान किया था।अतः मेरे उस वक्तव्य पर किसी भी प्रकार की राजनीति एक स्वस्थ सोच को परिलक्षित नहीं करती है।'