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राजस्थान में बन रहा देश का पहला हाई-स्पीड रेलवे टेस्ट ट्रैक, 220 KMPH की रफ्तार से दौडे़गी ट्रेन

Railway News : राजस्थान में देश का पहला हाई-स्पीड रेलवे टेस्ट ट्रैक बन रहा है। दिसंबर तक तैयार हो जाएगा। इस रेलवे ट्रैक पर 220 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें दौडे़गी। रेगुलर व गुड्स वैगन का भी किया जाएगा परीक्षण। पढ़ें पूरी खबर।

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Rajasthan Built Country First High Speed Railway Test Track Train run at a Speed of 220 KMPH

Railway News : जयपुर-जोधपुर रेलमार्ग पर बन रहा देश का पहला हाई-स्पीड रेलवे टेस्ट ट्रैक इस साल दिसंबर तक तैयार हो जाएगा। 64 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर हाई-स्पीड ट्रेनों के साथ-साथ रेगुलर और गुड्स वैगन का भी परीक्षण किया जाएगा। यह ट्रैक अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के रेलवे ट्रैक की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।

गुढ़ा-ठठाना मीठड़ी के बीच बनाया जा रहा यह ट्रैक

दरअसल, रेलवे की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह ट्रैक सांभर के निकट गुढ़ा-ठठाना मीठड़ी के बीच बनाया जा रहा है। 967 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस ट्रैक पर ट्रेनें 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। चार चरणों में बन रहे इस प्रोजेक्ट में लगभग सभी काम पूरे हो चुके हैं।

अभी सांभर झील में 2.5 किमी ट्रैक बिछाने का काम शेष

पहले चरण में 19.8 किमी, दूसरे चरण में 15 किमी व तीसरे चरण में 2.7 किमी व चौथे चरण में 26.06 किमी तक ट्रैक बिछाना तय था। अभी सांभर झील में 2.5 किमी ट्रैक बिछाने का काम शेष रहा है, जो जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। इस ट्रैक पर चार बड़े पुल और 43 पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। रेलवे से जुडे़ लोगों का कहना है कि यह हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक रेलवे के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।

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बाधित नहीं होंगी मुख्य लाइनें

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक बनने से रेलवे को अपनी नई ट्रेनों और मालगाड़ियों की टेस्टिंग के लिए मुख्य रेलवे लाइनों को बाधित नहीं करना पड़ेगा। इससे यात्री ट्रेनों की आवाजाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा और ट्रायल भी हाई-स्पीड के अनुसार बेहतर तरीके से किए जा सकेंगे। गुढ़ा-ठठाना मीठड़ी को इस ट्रैक के लिए चुनने के पीछे मुख्य वजह थी कि यह इलाका घनी आबादी से दूर है। यहां पहले से मीटर गेज लाइन मौजूद थी और रेलवे की काफी भूमि पहले से उपलब्ध थी। इससे राज्य सरकार से ज्यादा भूमि लेने की जरूरत नहीं पड़ी। इसके अलावा यहां आधुनिक प्रयोगशालाएं, आवासीय सुविधाएं और वर्कशॉप भी बनाए जा रहे हैं।

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