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राजस्थान निकाय चुनाव में इस बार 10175 पार्षद चुनेगी जनता, प्रदेश के किस जिले में है सबसे कम और सबसे अधिक वार्ड, जानें

Rajasthan Civic Elections : राजस्थान में नवंबर या दिसंबर में शहरी निकायों के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी है। प्रदेशवासी इस बार 10175 पार्षदों को चुनेंगे। क्या आपको मालूम है कि सबसे कम वार्ड और सबसे ज्यादा वार्ड किस राजस्थान के जिले में हैं? जानें।

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Rajasthan civic elections people elect 10175 councillors This time which district of state has least and most wards Know

राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा। फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan Civic Elections : राजस्थान में नवंबर या दिसंबर में शहरी निकायों के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी है। प्रदेशवासी इस बार 10175 पार्षदों को चुनेंगे। सबसे कम 25 वार्ड सलूंबर जिले में प्रस्तावित हैं, जबकि सबसे ज्यादा जयपुर जिले में 680 होंगे। परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन प्रस्ताव में जो स्थिति सामने आई है, उसमें ज्यादातर निकायों की सीमा का दायरा भी बढ़ गया है।

संभागवार निकाय

जयपुर 91
अजमेर 52
जोधपुर 41
बीकानेर 37
भरतपुर 32
कोटा 28
उदयपुर 28

दिसंबर 2025 में एक राज्य एक चुनाव के तहत होंगे चुनाव - झाबरसिंह खर्रा

राजस्थान में इस साल के आखिर में शहरी निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ होने हैं। यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने साफ कर दिया है कि राज्य पंचायतों के साथ नगर निकायों के पुनर्सीमांकन करके नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि वार्डों का भी पुनर्सीमांकन करने के लिए एक सप्ताह या 5 दिन में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। उसके बाद हम राज्य निर्वाचन आयोग से अनुरोध करेंगे कि वे मतदाता सूची तैयार करें।

खर्रा ने कहा कि जब मतदाता सूची तैयार करने का कार्यक्रम पूरा हो जाएगा तो विभाग राज्य निर्वाचन आयोग से अनुरोध करेगा कि दिसंबर 2025 में एक राज्य एक चुनाव के तहत सभी नगर निकायों में एक ही दिन में संभव हो सके तो चुनाव करा दें।

रिपोर्ट बिना ओबीसी सीटों का निर्धारण संभव नहीं

राजस्थान सरकार के मंत्रियों की ओर से हाल में मीडिया से कहा गया कि पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों के लिए परिसीमन का कार्य पूरा करवाकर, दिसम्बर तक चुनाव करवा लिए जाएंगे। पर हकीकत यह है कि पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदन लाल भाटी की अध्यक्षता में मई में बनाए गए आयोग की रिपोर्ट बिना ओबीसी सीटों का निर्धारण संभव नहीं और अभी तक आयोग इस कार्य के लिए सर्वे तक शुरू नहीं कर पाया है।