
Rajasthan Politics: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की लापरवाही के कारण गो तस्करी के आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने नोटिस तामील होने के बावजूद अधिकारियों के वकालतनामा तक पेश नहीं करने को गंभीरता से लिया है। न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश उज्ज्वल भुइयां की खण्डपीठ ने नजीम खान की अपील पर यह आदेश दिया।
अपीलार्थी के खिलाफ करौली जिले के नादोती थाने में फरवरी 2021 में गो तस्करी का मामला दर्ज हुआ। उसके कब्जे से 26 गाय बरामद की गईं, लेकिन वह फरार हो गया और अप्रेल 2024 में पकड़ा गया। सुप्रीम कोर्ट का नोटिस राज्य सरकार को 8 अक्टूबर को मिल गया, लेकिन वकालतनामा तक पेश नहीं हुआ। इससे कोर्ट को अपीलार्थी के खिलाफ लंबित 6 अन्य मामलों की स्थिति का पता ही नहीं चल पाया। अपीलार्थी उत्तरप्रदेश निवासी है और ट्रायल में भाग नहीं ले रहा, लेकिन उसे बेवजह अनिश्चितकाल तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता। इस आधार पर कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
नेता विपक्ष टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि गाय के नाम पर राजनीति करने वालों को इस मामले में अपनी जवाबदेही तय करनी होगी। ‘मुंह में राम, बगल में छूरी’ यह है बीजेपी वालों की असलियत है। उन्होंने आगे कहा कि साल 2021 में करौली जिले में राजस्थान पुलिस ने नाजिम नामक शख्स और उनके कुछ साथियों को गौ तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपियों को 26 गोवंशों की तस्करी कर उत्तर प्रदेश ले जाते हुए पकड़ा गया था जिसके बाद कई संगीन धाराओं में मुकदमा बना। आरोपी सेशन कोर्ट गए, जमानत नहीं मिली, हाईकोर्ट गए वहां भी निराशा हाथ लगी।
साथ ही कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि यह सरकार केवल गायों और धर्म के नाम पर वोट हासिल करना जानती है। उनके पास इस बात का कोई डेटा नहीं है कि उन्होंने गायों की सुरक्षा पर कितना खर्च किया है। वे केवल इससे वोट हासिल करना जानते हैं। लोग अंततः उन पर भरोसा करना बंद कर देंगे और उन्होंने पहले ही ऐसा कर दिया है।
Updated on:
29 Oct 2024 10:40 am
Published on:
29 Oct 2024 07:41 am
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