
राजधानी में 20 नवंबर से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी या प्रियंका गांधी और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रोड शो को लेकर भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता तैयारियों में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि दोनों के रोड शो परकोटे में ही होंगे। भाजपा की तैयारी पीएम मोदी का 22 नवंबर को करीब 9 किलोमीटर का रोड शो कराने की है, जिसमें मालवीय नगर, आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल और सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र कवर किया जाएगा। इसी तरह कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के लिए भी यही क्षेत्र चिन्हित किया जा रहा है। दोनों ही पार्टियों के लिए उक्त चारों विधानसभा क्षेत्र इस बार प्रतिष्ठा का विषय है। परकोटे से जुड़ी किशनपोल, हवामहल, आदर्श नगर सहित किशनपोल में पिछली बार चारों सीटें कांग्रेस ने भाजपा से छीन ली थी।
इस बार भाजपा वापस इन सीटों को अपनी झोली में डालने और कांग्रस सीटें बरकरार रखने की कोशिश में हेै। मालवीय नगर को वैसे तो भाजपा का गढ़ माना जाता है और कालीचरण सराफ तीन बार से लगातार यहां से विधायक बन चुके हैं। लेकिन 2018 के चुनाव में कांग्रेस की अर्चना शर्मा उनसे मात्र 1700 मतों से ही पिछड़ी। ऐसे में इस बार यहां भी मुकाबला कांटे का रह सकता है। विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले दिवाली के त्योहार ने प्रचार की रंगत को फिलहाल कुछ धीमा कर दिया है। धनतेरस से ही प्रत्याशियों के साथ कार्यकर्ताओं की संख्या कम होने लगी है। भैया दूज तक अधिकांश प्रत्याशियों ने अपने बेहद नजदीकी कार्यकर्ता या रिश्तेदारों के साथ ही घर-घर दस्तक देने की रणनीति तैयार की है। इस बार दीपोत्सव का त्योहार 15 नवंबर भैया दूज तक रहेगा। तिथियों की घटत-बढ़त के कारण यह एक दिन अतिरिक्त है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन से पहले सुबह से प्रत्याशियों ने मंदिरों और घरों में जाकर मतदाताओं से संपर्क किया। इस दौरान कार्यकर्ता कम संख्या में ही प्रत्याशियों के साथ नजर आए।
भाईदूज के बाद जोर पकड़ेगा चुनाव प्रचार
अधिकांश प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार 15 नवंबर के बाद जोर पकड़ेगा। इसके लिए प्रमुख चौराहों और स्थानों का चयन करने के लिए छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाओं की रणनीति तैयार की है। मालवीय नगर, सांगानेर, आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल, सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्रों के घनी आबादी वाले इलाकों में ये सभाएं होंगी। इसके लिए राष्ट्रीय व स्थानीय स्तर के उस क्षेत्र में प्रभावशील नेताओं की सूची सभा के लिए तैयार की गई है। दो दिन से अधिकांश प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय भी सूने पड़े हुए हैं। यहां सिर्फ मुख्य कमान संभालने वाले कार्यकर्ता और नेता ही नजर आ रहे हैं। इस दौरान मतदाता सूचियों का परीक्षण भी प्रत्याशियों के स्तर पर शुरू हो गया है।
Published on:
13 Nov 2023 08:46 am
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