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राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं पर सख्ती, स्मार्ट मीटर से किया इंकार तो मिलेगा नोटिस

Rajasthan Smart Meter : राजस्थान में स्मार्ट मीटर लगाने के विरोध के बीच उपभोक्ताओं को समझाइश करने के बजाए डिस्कॉम ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। राजस्थान में अब स्मार्ट मीटर लगाने से इनकार किया तो मिलेगा नोटिस।

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छत्तीसगढ़ में बचत उत्सव फीका, उपभोक्ता बोले- जीएसटी छूट से ज्यादा भारी पड़ा बिजली बिल...(Photo-patrika)

छत्तीसगढ़ में बचत उत्सव फीका, उपभोक्ता बोले- जीएसटी छूट से ज्यादा भारी पड़ा बिजली बिल...(Photo-patrika)

Rajasthan Smart Meter : राजस्थान में स्मार्ट मीटर लगाने के विरोध के बीच उपभोक्ताओं को समझाइश करने के बजाए डिस्कॉम ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। जयपुर डिस्कॉम ने अधिशासी अभियंताओं को स्मार्ट मीटर लगाने का काम प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सभी उपखंड और ब्लॉक स्तरीय सरकारी व गैर-सरकारी बिजली कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर लगाने से कोई उपभोक्ता इनकार करता है तो नोटिस देने की तैयारी है। इस तरह के कड़े निर्देश जारी करने से विवाद बढ़ा है। कुछ स्थानों पर उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने तक की नौबत आ चुकी है।

क्या है स्मार्ट मीटर ?

स्मार्ट मीटर डिजिटल उपकरण होते हैं यह विद्युत ऊर्जा की खपत, वोल्टेज स्तर, धारा और पावर फैक्टर जैसी जानकारी रिकॉर्ड करते हैं। उन्हें वास्तविक समय में वापस भेजते हैं। जहां सामान्य मीटरों के लिए मैन्युअल रीडिंग की आवश्यकता होती है, वहीं स्मार्ट मीटर वास्तविक समय में डेटा ट्रांसमिशन और रिमोट एक्सेस की सुविधा देते हैं।

राजस्थान के बिजली विभाग के अफसरों के अनुसार, स्मार्ट मीटर त्वरित और बिना किसी परेशानी के बिजली की रीडिंग देने में सक्षम हैं। यह प्रीपेड और बिलिंग दोनों कार्य कर सकता है। लेकिन राजस्थान सरकार वर्तमान में बिलिंग विकल्प प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त, राजस्थान सरकार ने वर्तमान में इन मीटरों को आवासीय और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए सीमित कर दिया है।

राजस्थान में स्मार्ट मीटर की हकीकत

राजस्थान में स्मार्ट मीटर लगाने का काम कई चरणों में हुआ है। वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में 2017 में उदय (उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना) के तहत पहली बार स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बनाई गई थी। फिर यह योजना कुछ साल के लिए बंद हो गई। कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार 2021 से 2023 के बीच इसमें कुछ तेज़ी आई। वर्ष 2024 में राजस्थान सरकार ने 1.43 करोड़ उपभोक्ताओं के लिए राज्यव्यापी योजना को मंजूरी दी। परियोजना की अनुमानित लागत 9,700 करोड़ रुपए है।