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राजस्थान में कर्मचारी महासंघ कर रहा बड़े आंदोलन की तैयारी, इन मांगों को लेकर सरकार से है नाराजगी

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ 24 सितंबर को शहीद स्मारक पर धरना देगा। बजट घोषणाएं लागू न होने और लंबित मांगों पर यह प्रदर्शन होगा। महासंघ ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज होगा।

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जयपुर

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Arvind Rao

Sep 23, 2025

Rajasthan Employees Federation

गजेंद्र सिंह राठौड़ (फोटो-एक्स)

जयपुर: अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने 24 सितंबर को राजधानी जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर धरना-प्रदर्शन की घोषणा की है। यह आंदोलन सरकार द्वारा बजट घोषणाओं को लागू न किए जाने और कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर किया जा रहा है।


महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान में सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है। इसी कारण कर्मचारियों को मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि बजट घोषणाओं और लंबित मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।


विभिन्न विभागों में गेट मीटिंग आयोजित की


धरने से पहले महासंघ के प्रतिनिधियों ने राज्य के विभिन्न विभागों में गेट मीटिंग आयोजित कीं। इनमें वन विभाग, पशुपालन, भूजल विभाग, पेंशन, डीपीआर सचिवालय, सामाजिक न्याय विभाग, कॉलेज शिक्षा, कर विभाग और एसएमएस मेडिकल कॉलेज सहित कई विभाग शामिल रहे। इन बैठकों में कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भागीदारी कर आंदोलन के समर्थन का ऐलान किया।


महासंघ का दावा है कि 24 सितंबर को शहीद स्मारक पर होने वाले धरने में विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे और सरकार पर दबाव बनाने के लिए यह एक बड़ी शक्ति प्रदर्शन रैली साबित होगी।


19 मार्च को सौंपा था ज्ञापन


महासंघ अध्यक्ष राठौड़ ने बताया कि कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर 19 मार्च को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा गया था। लेकिन सरकार बने दो साल होने के बावजूद कर्मचारियों के हित में ठोस कदम नहीं उठाए गए।


वेतन विसंगतियों पर बनी खेमराज कमेटी की रिपोर्ट अब तक लागू नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर गंभीरता से विचार कर नई कमेटी बनानी चाहिए। वहीं, ठेका कर्मचारियों के समायोजन की घोषणा भी अब तक धरातल पर नहीं उतरी है।


क्या हैं मुख्य मांगें


राठौड़ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कार्मिकों को 10% ग्रामीण भत्ता मिलना चाहिए। कर्मचारियों को 300 पीएल की सीमा बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक लागू किया जाए। संविदा और ठेका कर्मचारियों को बोनस अंक देकर चतुर्थ श्रेणी सेवाओं में शामिल करने की व्यवस्था हो। 24 सितंबर के प्रस्तावित धरने को लेकर महासंघ ने राज्य कर्मचारी संघों और अन्य संगठनों से समर्थन भी मांगा है। इसके लिए विभिन्न कार्यालयों में जाकर कर्मचारियों से संपर्क साधा जा रहा है।