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Rajasthan Farmers are Happy : मोटे अनाज की लोगों ने उपयोगिता समझी और इसे नियमित भोजन में शामिल करना शुरू कर दिया। इससे बाजार में बाजरा, मक्का व ज्वार जैसे मोटे अनाज की खपत 15 फीसदी बढ़ गई है। इनकी कीमतों में भी डेढ़ गुना तक उछाल आ गया है। घाटे की खेती मानने वाले किसानों के लिए अब यह मुनाफे की फसल साबित होने लगी है। मोटे अनाज के व्यंजन लोगों के रोजमर्रा के भोजन के साथ होटलों व शादी-ब्याह के मेन्यू में शामिल हो गए हैं। सरकार भी इसे प्रमोट कर रही है। दो साल पहले 19-20 रुपए किलो मिलने वाला बाजरा-मक्का अब 29 से 30 रुपए किलो तक पहुंच गए। अब बाजरा, मक्का व ज्वार जैसे मोटे अनाज ऑफ सीजन में भी बिक रहे हैं।
इस बार बारिश अच्छी होने से बाजरे की पैदावार प्रभावित हुई है। बाजरे की फसल खेतों में ही खराब हो रही है। वहीं सितंबर तक बाजार में आने वाली मक्का इस बार अभी तक नहीं आई है। ऐसे में इनके दामों में और तेजी आने की चर्चा है।
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अनाज - दो साल पहले भाव - वर्तमान में (भाव प्रति किलो)
बाजरा - 19 से 20 रुपए - 28 से 29 रुपए।
मक्का - 19 से 20 रुपए - 30 रुपए।
ज्वार - 20 से 22 रुपए - 28 से 29 रुपए।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने कहा बाजरा व मक्का की खपत 15 फीसदी बढ़ गई है, जबकि बाजरे की पैदावार इस बार 12 से 15 लाख टन कम होने का आंकलन है, ऐसे में बाजरे के भाव बढ़ गए हैं। मक्का की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है। इनके साथ ज्वार में भी तेजी आ गई है।
मुहाना मंडी व्यापारी के.जी. झालानी ने कहा मोटे अनाज की मांग ने इनके दाम बढ़ा दिए हैं। अगर इस बार उत्पादन कम हुआ तो ये भाव और अधिक बढ़ जाएंगे, जबकि आज से 5 साल पहले आधे ही भाव थे।
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Published on:
16 Sept 2024 06:19 pm
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