
जयपुर।
राजस्थान सरकार हाल फिलहाल किसानों की कर्जमाफी के लिए कोई घोषणा करने के मूड में नहीं है। ये बात बुधवार को विधानसभा में सरकार की ओर साफ़ कर दी गई। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने विधानसभा में कहा कि अभी बजट सत्र चल रहा है और इसके चलते प्रदेश के किसानों की कर्जमाफी को लेकर कोई घोषणा नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक जानबूझकर भावनात्मक रूप से किसानों को ब्लैकमेल कर रहे है। सैनी ने कहा कि प्रश्नकाल के इस पहले सवाल का जवाब गत 25 अक्टूबर को ही दिया जा चुका था, इसके चलते किसानों की ऋण माफी वाले सवाल को स्थगित किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे को लेकर घडिय़ाली आंसू बहा रहे है। अगर कांग्रेस के विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा और माकपा नेता अमराराम को इतनी चिंता थी तो केरल के दौरे के दौरान वह अध्ययन करने कमेटी के साथ क्यों नहीं गए।
कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा का कहना था कि किसानों से संबंधित सवाल को जान बूझकर स्थगित किया जा रहा है और राज्य सरकार किसानों को कोई भी राहत देने की मंशा नहीं रखती है। कांग्रेस विधायकों ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर सदन में नारेबाजी भी की।
किसानों के कर्ज माफी मुद्दे पर सदन में हंगामा, कांग्रेस का बहिष्कार
बजट सत्र के चौथे दिन प्रदेश में किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ और इससे नाराज होकर कांग्रेस ने प्रश्नकाल का बहिष्कार कर दिया। सदन की शुरुआत ही हंगामे से हुई जब किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने शोर मचाना शुरू कर दिया और नारे लगाते हुए वेल में आ गए।
विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने प्रश्नकाल की शुरुआत में किसानों की कर्ज माफी से जुड़े प्रश्न को यह कहकर स्थगित कर दिया कि यह सहकारिता से जुड़ा सवाल है और आज सहकारिता विभाग की बारी नहीं है। इस पर कांग्रेस के नंद किशोर महरिया ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी का सवाल कृषि विभाग से जुड़ा हुआ है और इसके साथ ही उन्होंने सवालों की सूची ही सदन में फाड़ दी।
उनके साथ कांग्रेस के दूसरे सदस्यों ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया और सरकार से जवाब मांगने पर अड़े रहे। इसके बाद कांग्रेस ने प्रश्नकाल का ही बहिष्कार कर दिया और सभी सदस्य सदन से बाहर चले गये। बाद में प्रश्नकाल कांग्रेस सदस्यों की गैरहाजिरी में ही चलता रहा।
प्रश्नकाल में ही हीरालाल नागर ने दलितों पर हो रहे अत्याचार का मामला उठाया तो निर्दलीय राजकुमार शर्मा ने कहा कि युवा नीति तो 2013 में बन गई थी और चार साल में यह सरकार केवल ड्राफ्ट तैयार कर सकी है। अब एक साल में युवा नीति को कैसे लागू करेगी। गोविन्द डोटासरा ने भी दलितों पर अत्याचार का मामला उठाया जबकि राजकुमार शर्मा ने नवलगढ़ में स्टेडियम एवं खिलाड़ियों के टीएडीए बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाया।
Published on:
08 Feb 2018 03:11 pm
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