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राजस्थान के फ्लैटधारकों के लिए अच्छी खबर, नए बिल्डिंग बायलॉज से मिली बड़ी राहत

Rajasthan News : राजस्थान के फ्लैटधारकों के लिए अच्छी खबर। नए बिल्डिंग बायलॉज से बड़ी राहत मिली। सरकार ने पूरी छत बेचने पर रोक लगा दी है। जानिए सरकार ने और क्या सुविधा दी?

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Rajasthan Flat Owners Good News New Building Bylaws Bring Big Relief

Rajasthan News : राजस्थान में मल्टीस्टोरी में फ्लैट होने के बावजूद आप उस इमारत की छत पर नहीं जा सकते, क्योंकि बिल्डर ने इमारत की छत ही बेच दी। बड़े-बुजुर्ग सर्दी में धूप सेंकने नहीं जा पा रहे और न ही बच्चों की बारिश में नहाने की इच्छा पूरी हो रही। अब फ्लैट धारकों को इस परेशानी से छुटकारा मिलेगा। सरकार ने पूरी छत बेचने पर रोक लगा दी है। बिल्डर को अब छत का 25 प्रतिशत हिस्सा ही बेचने या निर्माण करने की अनुमति होगी। बाकी 75 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय फ्लैट धारक की सुविधाओं के लिए उपयोग में आएगा।

अभी तक निजी टैरिस की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं थी

नए बिल्डिंग बायलॉज में बहुआवासीय, फ्लैट्स, ग्रुप हाउसिंग के भवनों की निजी टैरिस (छत) उपयोग के प्रावधान में बड़ा बदलाव किया गया है। अभी तक निजी टैरिस की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं थी, इसी का फायदा बिल्डर उठाते रहे। अब बिल्डर छत का अधिकतम 25 प्रतिशत हिस्सा ही निजी टैरिस के रूप में उपयोग कर पाएंगे।

बायलॉज में मापदंड निर्धारित नहीं, उसके लिए समिति

ऐसे भवन, जिनके संबंध में इन बायलॉज में मापदंड निर्धारित नहीं है, उन्हें निर्धारित करने या संशोधन करने के लिए समिति का गठन किया गया है। समिति की अनुशंसा के बाद प्रकरण राज्य सरकार के पास जाएगा। समिति के अध्यक्ष यूडीएच के प्रमुख सचिव होंगे। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक, मुख्य नगर नियोजक, जेडीए आयोजन निदेशक सदस्य और यूडीएच में वरिष्ठ नगर नियोजक सदस्य सचिव होगा। इसमें इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट राजस्थान चेप्टर के अध्यक्ष या सचिव को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया जाएगा।

विवाद में सरकार करेगी फैसला

भवन निर्माण स्वीकृति के किसी भी मामले में विकासकर्ता और संबंधित नगरीय निकाय के बीच विवाद होने की स्थिति में राज्य सरकार निर्णय करेगी।

50 फीसदी पार्किंग विजिटर्स के लिए छोड़नी होगी

1-भवनों में प्लिंथ की अधिकतम ऊंचाई 1.2 मीटर रखी गई है, पहले अधिकतम ऊंचाई का प्रावधान नहीं था।
2-स्टूडियो, अपार्टमेंट, दुकानें, व्यावसायिक परिसर, रूफटॉप, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, चिकित्सा संस्थान, कोचिंग सेंटर में न्यूनतम पार्किंग की 50 प्रतिशत पार्किंग विजिटर्स के लिए रखनी होगी।
3- अब इमारत के आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र और आंशिक अधिवास प्रमाण पत्र दिए जा सकेंगे, पहले ऐसा प्रावधान नहीं था।
4- बेटरमेंट लेवी की पूरी राशि जमा कराने तक अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र (बीएआर) के न्यूनतम 15 प्रतिशत क्षेत्रफल के बराबर की इकाइयां बिल्डर को रहन (गिरवी) रखनी होगी। पूरी राशि जमा कराने के बाद संबंधित निकाय इन इकाइयों को रहन से मुक्त करेंगे।
5-दस हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के जो प्रोजेक्ट आएंगे, वे ग्रीन बिल्डिंग के दायरे में आएंगे। ग्रीन बिल्डिंग की छूटें यथावत रहेंगी।

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