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जयपुर

राजस्थान के नए बिल्डिंग बायलॉज जारी, मल्टीस्टोरी की परिभाषा बदली, कई और बड़े बदलाव किए गए

Rajasthan New Building Bylaws : राजस्थान के नए बिल्डिंग बायलॉज जारी कर दिए गए हैं। इसमें बिल्डरों पर शिकंजा कसा गया है। वहीं कई और बड़े बदलाव किए गए।

जयपुरMay 13, 2025 / 07:09 am

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan New Building Bylaws Released Multistory Definition Changed Many More Big changes
Rajasthan New Building Bylaws : राजस्थान में लम्बी जद्दोजहद के बाद आखिर भजनलाल सरकार ने सोमवार को नए बिल्डिंग बायलॉज जारी कर दिए। इसमें जनहित से जुड़े कई प्रावधान किए गए हैं। बिल्डरों पर शिकंजा कसते हुए सेटबैक एरिया में रियायत देते हुए कुछ अन्य राहत दी है। सबसे खास यह है कि आवासीय योजनाओं में हाईराइज बिल्डिंग की परिभाषा बदल दी गई है। अब 15 मीटर से ऊंची इमारत (5 मंजिल) को हाईराइज में माना जाएगा, जो अभी 18 मीटर व उससे ज्यादा थी।

बायलॉज को बनाया गया नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुरूप

इससे आवासीय योजनाओं, कॉलोनियों में छोटे भूखंड पर न तो ज्यादा ऊंची इमारत बन सकेगी और न ही बिल्डर ज्यादा फ्लैट बना पाएंगे। 500 वर्गमीटर से छोटे भूखंडों पर अब बहुनिवास इकाई (फ्लैट का ही रूप) नहीं बनेंगे और 500 से ज्यादा व 750 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखंडों पर भी केवल आठ इकाई ही बना सकेंगे। कॉलोनियों में स्थानीय लोगों की सुविधाएं बंटने से रोकने के लिए नए बिल्डिंग बायलॉज में ऐसे ही बड़े प्रावधान किए हैं। नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जेडीए में आयोजित कार्यक्रम में बायलॉज जारी किए। बायलॉज को नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुरूप बनाया गया है।

इको फ्रेंडली रियल एस्टेट सेक्टर

750 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों (व्यावसायिक श्रेणी के अलावा) में हरित क्षेत्र रखना जरूरी किया गया। इन भूखंडों पर 10 से 20 प्रतिशत हरित क्षेत्र रखना जरूरी होगा। 10 हजार वर्गमीटर से बड़े भूखंडों पर ग्रीन बिल्डिंग निर्माण अनिवार्य किया गया है।इन्हें प्रोत्साहन के रूप में नि:शुल्क अतिरिक्त बीएआर देंगे।
1 हजार से बड़े भूखंड तो ही बनेगी मल्टीस्टोरी : छोटे भूखंडों पर मल्टीस्टोरी नहीं बन पाएगी। इनके लिए न्यूनतम भूखंड क्षेत्रफल 750 वर्गमीटर की बजाय एक हजार वर्गमीटर होगा। कामर्शियल कॉम्पलेक्स भी 18 मीटर की बजाय 24 मीटर चौड़ी सड़क होने पर ही बना सकेंगे।
दावा…जनता की परेशानी खत्म करने की तरफ कदम : जो कॉलोनियां अनुमोदित की गई हैं, उनमें भूखण्ड और संभावित लोगों की संख्या के आधार पर ही पेयजल, सीवर, ड्रेनेज, बिजली, सड़क सहित अन्य सुविधाएं हैं। इन्हीं सीमित संसाधनों के बीच ज्यादा ऊंची इमारतों के निर्माण से लोगों की सुविधाएं बंटती रही है।
बिल्डरों को रियायत… मल्टीस्टोरी इमारत में अधिकतम सेटबैक अब 16 मीटर ही छोड़ना होगा। भले ही इमारत कितनी ही ऊंची क्यों न हो। अभी इमारत की ऊंचाई के अनुपात में एक चौथाई सेटबैक छोड़ना पड़ता है। इससे ज्यादा ऊंची इमारत बनाने पर बिल्डरों को ज्यादा जगह छोड़नी पड़ रही है।
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यह भी प्रावधान रेस्टोरेंट, हॉस्टल, पार्किंग

रूफटॉप रेस्टोरेंट : न्यूनतम 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल होना जरूरी। बड़े शहरों में 24 मीटर, छोटे और मध्यम शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़क अनिवार्य।
हॉस्टल : बड़े शहरों में न्यूनतम 500 वर्ग मीटर भूखंड क्षेत्रफल और सड़क चौड़ाई 12 मीटर होनी जरूरी। छोटे और मध्यम शहरों के लिए 300 वर्ग मीटर के भूखंड और सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 9 मीटर।
फायर ब्रिगेड : इमारत के सेटबैक में 3.60 की जगह 6 मीटर गलियारा छोड़ना होगा। बिल्डरों को भूखंड पर निर्माण कवरेज एरिया कम मिलेगा।
ज्यादा पार्किंग : कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स और अस्पतालों में आवश्यकता पार्किंग में से 50त्न विजिटर पार्किंग के लिए छोड़नी होगी। अभी यह 25त्न है।
स्टिल्ट पार्किंग : ऊंचाई की छूट 6.5 से घटाकर 3.5 मीटर कर दी है। हालांकि, ड्राफ्ट में इसे पूरी तरह समाप्त करना प्रस्तावित था, लेकिन बिल्डरों के दबाव में ऐसा नहीं किया जा सका।
एक कार पार्किंग जरूरी : ग्रुप हाउसिंग, बहुआवासीय इकाईयों में हर आवासीय इकाई के लिए एक कार पार्किंग के लिए जगह छोड़नी होगी। भले ही फ्लैट का एरिया निर्धारित क्षेत्रफल से कम क्यों न हो।
मैकेनिकल पार्किंग नहीं : आवासीय बहुमंजिला इमारतों में मैकेनिकल पार्किंग का प्रावधान हटाया।

9 मीटर चौड़ी सड़क तो जी प्लस 2 की ही अनुमति

1- 09 मीटर चौड़ी सड़क पर जी प्लस 2 की अनुमति होगी, भले ही कितना ही बड़े साइज का भूखंड क्यों न हो। अभी भूखंड साइज के अनुसार अतिरिक्त एक मंजिल निर्माण की अनुमति का प्रावधान है।
2- 12 मीटर सड़क पर जी प्लस 3 ऊंचाई का भवन बना सकेंगे । इसी सड़क पर जी प्लस 4 की अनुमति उस स्थिति में देंगे, जब भूखंड साइज 750 वर्गमीटर से अधिक होगा।

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