
एसएमएस अस्पताल जयपुर में इलाज के लिए पर्ची कटते मरीज। पत्रिका फोटो
Rajasthan Health : राजस्थान सरकार ने हाल ही में दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों के लिए निशुल्क इलाज की सुविधा शुरू की है। दावा किया गया कि अन्य राज्य के मरीज भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज से सकेंगे। लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। एसएमएस और अन्य बड़े सरकारी अस्पतालों में कई मरीज योजना से वंचित रह रहे हैं। कारण, मरीजों के पास आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कार्ड नहीं होना। इस वजह से काउंटरों पर बहस और विवाद जैसी स्थिति बनती है। नतीजा, मरीजों को योजना से वंचित रहकर महंगा इलाज लेना पड़ता है।
जयपुर में फिलहाल केवल एसएमएस, कांवटिया और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में ही यह सुविधा उपलब्ध है। एमएमएम में आने वाले 50 फीसदी मरीजों के पास कार्ड नहीं होता और इनके लिए कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं है।
एसएमएस प्रशासन का कहना है कि दूसरे राज्यों के मरीजों का निशुल्क इलाज तभी संभव हैं, जब उनके पास संबंधित योजना का कार्ड हो। केंद्र सरकार की योजना का क्लेम उठाने के लिए कार्ड जरूरी है
एसएमएस अस्पताल में हर दिन दूसरे राज्यों से हार्ट, किडनी, लिवर और कैसर जैसी गंभीर बीमारियों के मरीज आते हैं। लेकिन कार्ड न होने के कारण ये मरीज महंगे इलाज के लिए मजबूर हैं। योजना लागू होने के बाद अब तक केवल 150 मरीज ही लाभान्वित हुए हैं, जबकि यहां रोजाना बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के मरीज आते हैं। जयपुर में दूसरे राज्यों के ढेर सारे लोग रहते हैं, जो ज्यादातर मजदूर वर्ग के हैं। कांवटिया और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक की स्थिति भी लगभग यही है।
Published on:
09 Sept 2025 08:49 am
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