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राजस्थान हाईकोर्ट ने दुर्घटना से लकवाग्रस्त हुई युवती को दिलाए 1.90 करोड़, कहा, मुआवजा कोई अहसान नहीं

Rajasthan High Court Order : राजस्थान हाईकोर्ट ने सड़क दुर्घटना से लकवाग्रस्त हुई 21 वर्षीय युवती को मिलने वाला मुआवजा 1.49 करोड़ से बढ़ाकर 1.90 करोड़ रुपए कर दिया।

Delhi High Court
Delhi High Court (फाइल फोटो पत्रिका)

Rajasthan High Court Order : राजस्थान हाईकोर्ट ने सड़क दुर्घटना के कारण लकवाग्रस्त हुई 21 वर्षीय युवती को मिलने वाला मुआवजा 1.49 करोड़ से बढ़ाकर 1.90 करोड़ रुपए कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह केवल दुर्घटना में जख्मी होने का मामला नहीं है, इस हादसे ने पीड़िता के जीवन, उसकी पहचान व आजादी को प्रभावित कर दिया।

मुआवजा कोई अहसान नहीं, बल्कि न्याय का है अनिवार्य अंग

न्यायाधीश गणेश राम मीणा ने यह आदेश दिया। पीड़िता को विधिक आधार पर दिया जा रहा मुआवजा कोई अहसान नहीं है, बल्कि न्याय का अनिवार्य अंग है। इस घटना ने पीड़िता के सपने, सम्मान और अवसरों को प्रभावित किया। वाहन चालक की लापरवाही के कारण राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में अध्ययनरत युवती सड़क दुर्घटना का शिकार हुई, जिसके कारण वह लकवाग्रस्त हो गई। न्यायाधिकरण ने उसे डेढ़ करोड़ रुपए मुआवजा देने का आदेश किया।

दोनों पक्षों ने हाईकोर्ट में लगाई गुहार

इसके खिलाफ दोनों पक्ष हाईकोर्ट पहुंचे। पीड़िता ने मुआवजा कम बताया, वहीं दूसरे पक्ष ने मुआवजा राशि अधिक बताकर हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने कहा कि पर्याप्त मुआवजे से इनकार करना अन्याय के साथ संस्थागत उपेक्षा भी है। कानून को केवल पैसे का हिसाब नहीं करना चाहिए बल्कि उन सपनों को देखना चाहिए जो उससे छिन गए।