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Rajasthan: हाईकोर्ट का रिश्वत मामले में बड़ा फैसला, BAP विधायक को दी जमानत; चार साथियों को भी राहत

Rajasthan Politics: रिश्वत मामले में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल और उनके तीन साथियों को राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरूवार को जमानत दे दी।

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MLA Jaikrishna Patel

(पत्रिका फाइल फोटो)

Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत में हलचल मचाने वाले रिश्वत मामले में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बागीदौरा-बांसवाड़ा से विधायक जयकृष्ण पटेल और उनके तीन साथियों को राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरूवार को जमानत दे दी। जयकृष्ण पटेल पर विधानसभा सदस्य के पद का दुरुपयोग कर 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है।

उनके साथ उनके चचेरे भाई विजय कुमार पटेल, जगतपुरा निवासी लक्ष्मण सिंह मीणा और अलवर निवासी जगराम मीणा को भी जमानत मिली है।

चारों की जमानत याचिकाएं स्वीकार

दरअसल, जस्टिस अनिल कुमार उपमन की बेंच ने चालान पेश होने, 4 मई से हिरासत में होने और ट्रायल में समय लगने के आधार पर चारों की जमानत याचिकाएं स्वीकार की। इस मामले में एडवोकेट कपिल गुप्ता एसोसिएट ने जगराम मीणा की ओर से पैरवी की। बता दें, यह मामला तब सुर्खियों में आया जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 4 और 5 मई को जयकृष्ण पटेल और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।

यहां देखें वीडियो-


शिकायतकर्ता रविंद्र और उनके भाई सुमंत ने 4 अप्रैल को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि विधायक जयकृष्ण पटेल ने टोडाभीम क्षेत्र में स्थित खानों से संबंधित विधानसभा में उठाए गए सवालों को वापस लेने और मदद करने की एवज में ढाई करोड़ रुपये की मांग की थी। बता दें, यह क्षेत्र बागीदौरा से करीब 500 किलोमीटर दूर है। शिकायत के मुताबिक, इस मांग का हिस्सा 20 लाख रुपये की रिश्वत के रूप में लिया गया।

जयकृष्ण पटेल 4 मई को हुए थे गिरफ्तार

एसीबी ने इस मामले में जयकृष्ण पटेल और उनके चचेरे भाई विजय कुमार पटेल को 4 मई को गिरफ्तार किया था, जबकि लक्ष्मण सिंह मीणा और जगराम मीणा को अगले दिन 5 मई को हिरासत में लिया गया। इस प्रकरण में विधायक के निजी सहायक रोहित उर्फ रोहिताश मीणा अभी भी फरार है और उसकी तलाश जारी है।

गौरतलब है कि जयकृष्ण पटेल बागीदौरा-बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक हैं। उनके चचेरे भाई विजय कुमार पटेल तहसील आनंदपुरी के ग्राम कानेला-चांदनवाड़ा के निवासी हैं। वहीं, लक्ष्मण सिंह मीणा जयपुर के जगतपुरा और जगराम मीणा अलवर के रहने वाले हैं।

चारों को इस आधार पर मिली जमानत

इस मामले ने राजस्थान की सियासत में खासा विवाद पैदा किया है, क्योंकि यह एक विधायक द्वारा अपने पद के दुरुपयोग से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने जमानत देते समय यह तर्क दिया कि मामले में चालान पेश हो चुका है और चारों आरोपी लंबे समय से हिरासत में हैं। इसके अलावा, ट्रायल में और समय लगने की संभावना को देखते हुए जमानत दी गई। एडवोकेट कपिल गुप्ता ने जगराम मीणा की ओर से मजबूत पैरवी की, जिसके आधार पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।