
कांग्रेस फाइल फोटो: पत्रिका
Congress Booth Rakshaks : लोकसभा में कांग्रेस के बड़े नेता और सांसद राहुल गांधी ने भाजपा पर कथित ‘वोट चोरी’ का आरोप लगा कर चौंका दिया। अब कांग्रेस इस मुद्दे को लम्बे समय तक भुनाना चाह रही है। साथ ही अपने वोट बैंक को भी सुरक्षित रखने की योजना है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी देश की पांच लोकसभा सीटों पर ‘बूथ रक्षक’ नामक एक पायलट परियोजना शुरू की है। इन सीटों के चयन के पीछे लोकसभा चुनाव 2024 है। जहां पर पार्टी के उम्मीदवार चुनावों में बेहद मामूली अंतर से हार गए थे। इन बूथ रक्षक का कार्य जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची में हुई अनियमितताओं का पता लगाने और रिपोर्ट करने के लिए प्रशिक्षित करना है। देश में पांच लोकसभा सीट को चुना गया है। जिसमें राजस्थान की 2 लोकसभा सीटें शामिल हैं।
कांग्रेस का दावा है कि ‘बूथ रक्षक’ अभियान से जहां संगठन को मजबूती मिलेगी वहीं मतदाता सूची में धांधली की हर कोशिश पर सीधी नजर रखी जा सकेगी। ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस का यह कदम सिर्फ मौजूदा हालात पर प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि 2029 तक की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। चर्चा है कि राहुल गांधी का इरादा है कि इस मुद्दे को पार्टी लंबे समय तक बहस का केंद्र बनाए रखे और जनता के बीच इसे लेकर सजगता बढ़ाए।
प्रत्येक ‘बूथ रक्षक’ के पास 10 बूथों की जिम्मेदारी होगी। उसे 10 बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) की एक टीम सौंपी गई है। कांग्रेस जिन लोकसभा सीट चुना है, उनमें राजस्थान में जयपुर ग्रामीण और अलवर शामिल हैं। पार्टी ने इस प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। सूत्रों के अनुसार टीम ने जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है। स्थानीय नेताओं को चुनाव प्रक्रिया में फॉर्म 6, 7 और 8 के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वे मतदाता सूचियों में अनियमितताओं के आंकड़े भी जुटा रहे हैं, जिन्हें आगे की जांच के लिए कांग्रेस आलाकमान को सौंपा जाएगा।
पार्टी के एक सूत्र ने बताया, टीम वोट चोरी के बारे में जागरूकता बढ़ा रही है। एक ही पते पर बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम, नामों का दोहराव, अयोग्य मतदाताओं, बूथ स्तर पर उनकी निगरानी और उनके नाम हटाने जैसे मुद्दों पर कार्यकर्ताओं को सचेत किया जा रहा है। इसके अलावा, मतदाता सूची में मृत लोगों के नाम बने रहने और जीवित लोगों को मृत घोषित किए जाने का मुद्दा भी है। यह मतदाताओं के नाम हटवाने और जुड़वाने की प्रक्रिया के बारे में भी जागरूकता बढ़ा रही है।
राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों हैं। जिनमें कांग्रेस ने 8 सीटों पर अपना परचम फहराया। वहीं भाजपा ने 14 सीटें जीतीं। जयपुर ग्रामीण सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अनिल चोपड़ा, भाजपा के राव राजेंद्र सिंह से मात्र 1615 वोटों से पराजित गए थे। जयपुर ग्रामीण में 380 बूथ हैं। पार्टी ने स्थानीय नेतृत्व से 38 बूथ रक्षक नियुक्त किए हैं। ठीक इसी तरह कांग्रेस उम्मीदवार ललित यादव ने 48282 वोटों से अलवर लोकसभा सीट को खो दिया। इस सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता भूपेंद्र यादव विजयी रहे।
कांग्रेस के एक बड़े नेता के अनुसार, जयपुर ग्रामीण और अलवर लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाली झोटवाड़ा और अलवर शहर विधानसभा सीटों की पहचान की गई है। झोटवाड़ा को इसलिए चुना गया कि यहां पर भाजपा को 1 लाख से अधिक वोटों की बढ़त मिली थी। अन्य विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस उम्मीदवार बढ़त में था। पर इस एक सीट ने पूरा परिणाम बदल दिया। हमारा उम्मीदवार मात्र 1615 वोटों से हार गया। इससे हमारे मन में संदेह पैदा हुआ है। अलवर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत अलवर शहर विधानसभा सीट क्यों चुना गया है इस पर उन्होंने बताया कि हमें संदेह है कि वोटों की चोरी मुख्य रूप से शहरी इलाकों में हुई है।
Updated on:
23 Sept 2025 01:57 pm
Published on:
23 Sept 2025 01:54 pm
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