
Rajasthan New Trend : एक समय था जब लड़कियां ही कानों में पियर्सिंग करती थी, लेकिन बीते कुछ वर्षों में यूथ के फैशन में काफी बदलाव आया है। अब पियर्सिंग सिर्फ कानों तक सीमित नहीं रही। कई यंगस्टर्स अब बॉडी पियर्सिंग में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। शहर के पियर्सिंग शॉप ओनर्स के मुताबिक बीते वर्षों में 100 में से लगभग 20 प्रतिशत युवा पियर्सिंग करा रहे हैं। युवाओं में कान, गले और फेस पियर्सिंग का क्रेज बढ़ा है। वहीं, युवतियां कानों के बीच में, नेवल और माइक्रोडर्मल पियर्सिंग सबसे ज्यादा पसंद कर रही हैं। शॉप ऑनर्स के मुताबिक जिनकी आयु 35 वर्ष से कम है। वे कान पर और जिनकी आयु 35 वर्ष से ज्यादा है वे अपर ईयर पर ही पियर्सिंग कराते हैं।
कानों को छेदवाना और उसमें कुंडल या किसी प्रकार के आभूषण को पहनना पियर्सिंग कहलाता है। बॉडी के अलग-अलग हिस्सों पर पियर्सिंग करवाना बॉडी पियर्सिंग कहलाता है। कई युवा फैशन के लिए पियर्सिंग करा रहे हैं। शॉप ओनर्स का कहना है कि लोप और फ्लैट पियर्सिंग सबसे ज्यादा ट्रेंड में है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पियर्सिंग फैशन को नया लुक देने के साथ डिप्रेशन, एंजाइटी और माइग्रेन की समस्या में फायदेमंद होता है। पियर्सिंग से एकाग्रता भी बढ़ती है।
मैंने थ्रोट और लिप्स पियर्सिंग कराया है। यह मेरे फैशन को नया लुक देता है। पियर्सिंग मुझे काफी फैशनेट करता है। - दीपांकर
मैंने रॉन्च पियर्सिंग कराया है। ईयर पियर्सिंग पहले से ही करा रखी है। कई दोस्त पियर्सिंग करा रखे हैं और उनकी सलाह पर मैंने रॉन्च पियर्सिंग कराया। - हंसा
कई वर्षों से पियर्सिंग शॉप चला रहा हूं। शुरुआत में सिर्फ युवतियां ही पियर्सिंग करती थीं। अब युवक भी पियर्सिंग करा रहे हैं। कई ऐसे पियर्सिंग, जो माइग्रेन, डिप्रेशन से राहत दिलाते हैं।
भरत, शॉप ओनर
Published on:
16 Jan 2025 11:48 am
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