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29 जिलों में 193 मौत, 600 से ज्यादा मवेशी मरे, 2700 आशियाने उजड़े…. किस जिले में मची कितनी तबाही, देखें रिपोर्ट

Rajasthan Monsoon Rain Destruction: अभी भी 17 सितंबर से फिर अच्छी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस महीने के अंत तक मानसून की विदाई संभव है।

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राजस्थान के कई शहर बारिश में डूबे, मंत्री ने हवाई दौरा कर जानी हकीकत, फोटो - पत्रिका

Rajasthan Monsoon Update: राजस्थान में इस बार मानसून ने भारी तबाही मचाई है। अब तक औसत बारिश से 73 फीसदी ज्यादा बारिश बरस चुकी है। अत्यधिक बारिश के चलते प्रदेश के 41 में से 29 जिलों में जन.धन की व्यापक हानि हुई। इस आपदा में अब तक 193 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा चालीस लोग गंभीर घ्घायल भी हुए है। साथ ही 2700 से ज्यादा मकान ढह गए और 600 से अधिक मवेशियों की मौत हो गई। जाते मानसून में भी तेज बारिश की संभावना ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

इंसानी जानों का सबसे बड़ा नुकसान

सरकार की ओर से जारी किए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस बार 193 लोगों की मौतें बारिश जनित हादसों के कारण हो चुकी है। यह संख्या इस एक जून से लेकर तीस सितंबर तक की है। यानी अभी सरकारी की ओर से ताजा आंकड़े और जारी होने हैं। माना जा रहा है इन आंकड़ों में मृतकों की संख्या दो सौ तक पहुंच सकती है। सबसे ज्यादा मौतें धौलपुर, सवाई माधोपुर, कोटा और भरतपुर में हुई हैं। आंकड़ों के अनुसार बालोतरा 7, बांसवाडा 9, बांरा 13, ब्यावर 3, भरतपुर 12, भीलवाडा 11, बूंदी 16, चित्तौडगढ़ 5, दौसा 5, डीग 1, धौलपुर 17, डूंगरपुर 3, हनुमानगढ 2, जयपुर 2, जैसलमेर 3, जालोर 3, झालावाड 15, झुंझुनूं 1, जोधपुर 5, करौली 3, कोटा 13, नागौर 4, पाली 10, प्रतापगढ 3, राजसमंद 3, सवाई माधोपुर 16, सिरोही 2, टोंक 6 और उदयपुर 1 की मौत हो चुकी है। इनके अलावा चालीस लोग घायल हैं। इसके अलावा रेस्क्यू टीमों ने करीब आठ सौ लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया है।

मवेशियों की मौत से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर असर, कोटा-बूंदी में सबसे ज्यादा मौतें

सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार गाय, भैंस, बकरी, भेड़ मिलाकर करीब 625 से भी ज्यादा मवेशियों ने दम तोड़ दिया है बारिश के चलते। इनमें छोटे मवेशियों में जोधपुर 92, सवाई माधोपुर 47 और कोटा 27 में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। बड़े मवेशियों में बूंदी 132, कोटा 41 और धौलपुर 33 में सबसे ज्यादा मौतें हुईं। दूध और खेती आधारित आजीविका पर इसका गहरा असर पड़ा है।

2700 से ज्यादा आशियाने उजड़े, हजारों लोगों के जीवन पर संकट, कोटा, बूंदी और जयपुर में सबसे ज्यादा

भारी बारिश ने आशियानों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। प्रदेश में 1974 कच्चे और 752 पक्के मकान पूरी तरह ढह गए। इनमें कोटा 670, बूंदी 317, जयपुर 280, बारां 273 और बांसवाड़ा 220 में सबसे ज्यादा कच्चे मकान गिरे। पक्के मकानों में बारां 160, हनुमानगढ़ 78, चूरू 76, कोटपूतली.बहरोड़ 84 और नागौर 64 में सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज हुआ है।

उल्लेखनीय है कि आज की तारीख तक प्रदेश में करीब चार सौ एमएम बारिश होनी थी, जो औसत बारिश का आंकड़ा है। लेकिन अब तक 701 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। जो औसत से 73 फीसदी ज्यादा है। अभी भी 17 सितंबर से फिर अच्छी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस महीने के अंत तक मानसून की विदाई संभव है।