
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा। फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan : राजस्थान सरकार ने शहरों में जमीन आवंटन को लेकर नई भूमि आवंटन नीति लागू कर दी है। इस बार पहली बार स्पष्ट रूप से रियायती जमीन का क्षेत्रफल और दर तय की गई है, ताकि ‘चहेतों’ को मनमानी तरीके से कौड़ियों के दाम में जमीन नहीं मिल सके।
नई नीति में सार्वजनिक, सामाजिक, धार्मिक, चैरिटेबल संस्थाओं, ट्रस्ट और निजी निवेशकों को शामिल किया गया है। नीति का फोकस सामाजिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और पर्यटन सुविधाओं पर है।
अब यदि कोई संस्था या निवेशक आवंटित जमीन का केवल आंशिक उपयोग करता है, तो शेष जमीन निरस्त कर दी जाएगी। पहले ऐसा प्रावधान नहीं था, जिससे कई मामले लंबित और विवादित रहे।
1- पंजीकृत सामाजिक, धार्मिक, चैरिटेबल संस्था, ट्रस्ट और निवेशकों को अधिकतम 40 प्रतिशत रियायती
दर पर ही जमीन मिल सकेगी।
2- इससे अधिक रियायत का मामला अब सीधे सरकार और मुख्यमंत्री स्तर पर तय होगा।
3- निकाय स्तर पर मनमानी रियायत देने की गुंजाइश खत्म कर दी गई है।
होटल क्षेत्र में निवेश - न्यूनतम सीमा 100 करोड़ से 50 करोड़।
होटल प्रोजेक्ट के लिए जमीन का शुरुआती क्षेत्रफल 2000 वर्गमीटर से बढ़ाकर 3000 वर्गमीटर किया गया है।
रिजॉर्ट प्रोजेट - न्यूनतम 50 करोड़ के निवेश से शुरुआत।
इन्हें 10 हजार वर्गमीटर तक जमीन मिलेगी, लेकिन आवंटन तभी होगा जब प्रोजेट धरातल पर उतरेगा।
Published on:
02 Sept 2025 07:16 am
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