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Rajasthan : पहली बार राजस्थान की नई भूमि आवंटन नीति को निवेश और निवेशकों के साथ भी जोड़ा गया है। ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को भूमि आवंटन की राह खोलने के साथ जवाबदेही भी तय की गई है। निजी संस्थानों और अन्य निवेशकों को जमीन आवंटन के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) प्रस्तुत करना जरूरी कर दिया गया है।
खास बात यह भी है कि यदि किसी आवेदक ने डीपीआर 100 करोड़ लागत की सबमिट की तो उस आवेदनकर्ता के अकाउंट में न्यूनतम 30 प्रतिशत यानी तीस करोड़ रुपए होने पर ही जमीन आवंटित हो सकेगी।
इन्वेस्टमेंट सरप्लस कैपिटल दिखाना अनिवार्य होगा। वहीं, पिछले तीन वर्षों के औसत टैक्स के बाद लाभ भी निवेश के 10 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए। इन शर्तों को बैलेंस शीट, ऑडिट रिपोर्ट या बैंक स्टेटमेंट से साबित करना होगा। इसके बाद ही जमीन आवंटन किया जाएगा।
अभी तक कई कंपनी, निजी संस्थाएं जमीन तो ले लेती थी, लेकिन उनके पास निर्माण करने का पैसा ही नहीं होता था। जब आवंटन शर्तों की अवहेलना पर जमीन वापस लेनी होती थी तो मामला कानूनी प्रक्रिया में ले जाते थे। नई नीति के इस प्रावधान से दुरुपयोग रुकेगा।
सभी संस्था, ट्रस्ट, निजी कंपनी व अन्य के लिए 15 अलग-अलग तरह के फार्म थे, जिससे दिक्कत होती थी। अब सभी के लिए एक ही फार्म तैयार किया गया है।
1- सरकार ने आवंटियों के अलावा आवंटनकर्ताओं की जिम्मेदारी व जवाबदेही भी तय की है।
2- आवंटन राशि जमा होने के 15 दिन के भीतर आवंटन पत्र एवं पट्टा जारी करना ही होगा।
3- आवंटी तय अवधि में निर्माण नहीं करता है तो स्थानीय अथॉरिटी को 5 से 10 फीसद पेनल्टी लगाने का अधिकार दिया गया है।
Published on:
31 Aug 2025 08:34 am
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