
राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत। फोटो पत्रिका
Rajasthan Government Big Step : राजस्थान सरकार का बड़ा कदम। 2.80 लाख सरकारी कर्मचारियों और लगभग 3,000 पेंशनर्स के माथे पर आई चिंता की लकीरें। सरकारी कर्मचारियों में हलचल मच गई। फिर कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव और डीओपी सचिव से मुलाकात की। उनसे आईपीआर पोर्टल फिर से खोलने का आग्रह किया। पूरा मामला जानें।
मामला कुछ इस तरह है कि राजस्थान सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि वो सभी अपनी व्यक्तिगत सम्पत्ति रिपोर्ट (IPR) जमा करा दें। पर बहुत से कर्मचारियों ने लापरवाही दिखाई। इसके बाद भजनलाल सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया। जुलाई तक अपनी व्यक्तिगत सम्पत्ति रिपोर्ट (आईपीआर) जमा न कर पाने वाले 2.8 लाख कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी है। साथ ही लगभग 3,000 लोगों की पेंशन रोक दी गई है। इसके बाद कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि सक्रिय हुए। उन्होंने मुख्य सचिव और डीओपी सचिव से मुलाकात की। साथ ही उनसे आईपीआर पोर्टल फिर से खोलने का आग्रह किया, जहां वे अपने दस्तावेज़ अपलोड कर सकें।
अखिल राजस्थान राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा ने मुख्य सचिव को सौंपे ज्ञापन में कहा कि, यह अनुरोध किया जाता है कि अप्रैल 2025 में राजकाज पोर्टल के ठीक से काम न करने/धीमी गति से काम करने के कारण राजस्थान में लाखों कार्मिक अपनी अचल संपत्ति का विवरण सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं भर पाए, जिस वजह से इन कर्मचारियों को आईपीआर ऑनलाइन नहीं भरने से जुलाई में वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित होना पड़ रहा है।
शर्मा ने ज्ञापन में कहा, अतः कृपया राजकाज पर ऑनलाइन आईपीआर भरने की तिथि पुनः खोलने का प्रयास करें। साथ ही इसे ऑनलाइन भरने की अनुमति प्रदान करने का कष्ट करें, ताकि लगभग 2.8 लाख अधिकारियों और कर्मचारियों को इस परेशानी से मुक्ति मिल सके और वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ मिल सके।
अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा ने कहा कि अगर आईएएस अधिकारियों के पास ऑनलाइन आईपीआर भरने की सुविधा है, तो राज्य सरकार के कर्मचारी इससे वंचित क्यों रहें। उन्होंने कहा, "इसलिए, हमने मुख्य सचिव और डीओपी सचिव से पोर्टल पुनः खोलने का अनुरोध किया है।
Updated on:
30 Aug 2025 03:44 pm
Published on:
30 Aug 2025 02:06 pm
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