
Rajasthan High Court: जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पदोन्नति से वंचित दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय राहत देने के कार्मिक विभाग के आदेश की पालना पर अंतरिम रोक लगा दी। साथ ही, इस मामले में कार्मिक विभाग, गृह विभाग के प्रमुख सचिव व पुलिस महानिदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि किसी कर्मचारी की पिछले वर्षों की सेवा की योग्यता का आकलन कैसे किया जा सकता है। हाईकोर्ट के आदेश से 100 से अधिक विभागों के कर्मचारी प्रभावित होंगे।
न्यायाधीश पंकज भंडारी और न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने पुलिसकर्मी संतोष कुमार व जयदीप की याचिकाओं पर यह आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने कोर्ट को बताया कि एक जून 2002 या उसके बाद दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को राज्य सरकार ने तीन व पांच अवसरों तक पदोन्नति नहीं दी।
16 मार्च 2023 को कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर कहा कि किसी कर्मचारी को केवल ज्यादा संतान होने के आधार पर पदोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता। ऐसे में जिन कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित किया, उन्हें उनके पदोन्नति वर्ष से ही इसका लाभ दिया जाएगा।
याचिका में कहा कि इस अधिसूचना के जरिए वे कर्मचारी पदोन्नत होंगे, जिन्हें पहले अयोग्य माना जा चुका। इस पदोन्नति के बाद याचिकाकर्ता वरिष्ठता में नीचे चले जाएगे। याचिका में 16 मार्च 2023 की अधिसूचना की पालना पर रोक लगाने का आग्रह किया, जिस पर कोर्ट ने दो से अधिक संतान के कारण पूर्व में पदोन्नति से वंचित कर्मचारियों की पदोन्नति पर अंतरिम रोक लगा दी।
Published on:
31 Aug 2024 07:22 am
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