
ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान करने में हो रही दिक्कत, सर्वर डाउन का बहाना से उपभोक्ता परेशान...(photo-patrika)
Rajasthan Electricity : राजस्थान में कई लोग सस्ती बिजली के लिए सोलर पैनल लगाना तो चाह रहे हैं, लेकिन उनके फ्लैट, ऑफिस, शोरूम में लगाना संभव नहीं है। अब ऐसे उपभोक्ता अपनी दूसरी जमीन या घर की छत पर सोलर पैनल लगाकर उससे मिलने वाली बिजली का उपयोग ऑफिस, शोरूम या फ्लैट या अन्य सम्पत्ति में भी कर सकेंगे। यह सब कुछ वर्चुअल नेट मीटरिंग के जरिए होगा। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने इसे लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा ग्रुप नेट मीटरिंग की भी स्वीकृति दे दी है।
सोलर लगाने की चाह रखने वाले प्रदेशवासियों के लिए यह बड़ी राहत है। कुछ माह पहले राज्य में लागू हुई नई क्लीन एनर्जी पॉलिसी में भी इसके लिए प्रावधान किया गया था। लोग लम्बे समय इसकी जरूरत जताते रहे हैं। दिल्ली व अन्य कुछ राज्य इसमें नजीर बन रहे हैं।
केस 1
दिलीप शर्मा नाम व्यक्ति जयपुर के बापू नगर स्थित मल्टीस्टोरी में रह रहे हैं। वे सोलर पैनल लगाना चाहते हैं, लेकिन बिल्डिंग की कॉमन छत पर इसकी अनुमति नहीं है। मजबूरन उसे डिस्कॉम की महंगी बिजली का उपभोग करना पड़ रहा है। यदि दिलीप के पास जगतपुरा में जमीन है। अब वे उस जमीन पर सोलर पैनल लगाकर वहां उत्पादित सस्ती बिजली का उपयोग अपने बापू नगर स्थित फ्लैट या अन्य जगह भी कर पाएंगे। इस बिजली का उपयोग अपनी दुकान या शोरूम में कर सकेंगे।
केस 2
इसी तरह रमेश कुमार का घर जयपुर के मानसरोवर में है और एक जमीन कोटा में है। अब वह चाहे तो मानसरोवर या कोटा में किसी भी जगह सोलर पैनल लगा सकेंगे और उससे बनने वाली सस्ती बिजली का उपयोग दोनों जगह कर सकेगा। बशर्ते मालिकाना हक किराएनामा उसी के नाम हो। सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली पहले डिस्कॉम के ग्रिड में जाएगी। जितनी बिजली ग्रिड में जाएगी उतनी ही बिजली उपयोग की जा सकेगी।
1- बिजली के बिल में कमी लाना।
2- खाली जगह का ज्यादा से ज्यादा उपयोग।
3- सौर ऊर्जा उत्पादन में जन सहभागिता को बढ़ावा देना।
4- प्रदूषण में कमी लाना।
Published on:
14 Oct 2025 08:05 am
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