
Rajasthan Assembly Election 2023 : जयपुर। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव की घोषणा होते ही प्रदेश में 41 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। बीजेपी की पहली लिस्ट में करीब दस ऐसे नाम हैं, जिन्होंने 2018 में बागी होकर चुनाव लड़ा। कुछ समय पहले भाजपा में आए और अब टिकट मिल गया। वर्ष 2018 के चुनाव में बागी होकर चुनाव लड़े देवी सिंह शेखावत को बानसूर, विक्रम जाखल को नवलगढ़ से टिकट दिया है।
सुभाष महरिया को भी हाल ही में पार्टी में शामिल किया था और उन्हें भी टिकट दिया गया है। रिटायर्ड आईएएस चन्द्रमोहन मीणा भी हाल ही में पार्टी में शामिल हुए थे। उन्हें बस्सी से टिकट दिया गया है। वहीं, कोटपूतली से हंसराज पटेल, बांदीकुई से भागचंद, सपोटरा से हंसराज मीणा, लादू लाल पितलिया को सहाड़ा से प्रत्याशी बनाया गया है। ये भी अन्य दलों या निर्दलीय चुनाव लड़े।
जीत की बिसात बिछाने की कोशिश
नए और पुरानों का मेल कर जीत की बिसात बिछाने की कोशिश की गई है। पहली सूची में सात सांसद चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। 17 सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया गया है, जबकि 17 सीटों पर पुराने चेहरों (इनमें वो भी शामिल हैं, जिन्हें 2018 से पहले के चुनावों में टिकट मिला है) पर दांव खेला है। वहीं, 2018 में हुए चुनाव से तुलना करें तो उन प्रत्याशियों में से 29 के टिकट काटे गए हैं। ऐसे चेहरों को भी टिकट दिया गया है, जो 2018 में अन्य दलों से या बागी होकर चुनाव लड़े और अब भाजपा में आ चुके हैं। 41 सीटों से मात्र एक सीट पर ही भाजपा विधायक हैं, सांसद को टिकट देने के लिए विधायक का टिकट काट दिया गया है।
पहली सूची में ओबीसी का बोलबाला
देश में जातिगत जनगणना की मांग के बीच भाजपा ने राजस्थान में ओबीसी वर्ग को पहली सूची में बड़ी संख्या में टिकट दिए हैं। पहली सूची में 25 अनारक्षित सीटों में से 60 प्रतिशत ( 15 सीटें ) सीटों पर ओबीसी वर्ग का उम्मीदवार उतारा गया है। कुल 41 सीटों में से आठ पर जाट, चार पर राजपूत, चार पर गुर्जर, दो पर ब्राह्मण, दो पर वैश्य, एक पर यादव, एक पर सैनी, एक पर कलबी पटेल, एक पर कुमावत और एक पर मीणा जाति के व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया गया है। अन्य 16 सीटें एससी-एसटी के लिए आरक्षित हैं।
Published on:
10 Oct 2023 04:02 pm
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