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Rajasthan Politics : ‘मेरा मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा’, सीएम भजनलाल को अशोक गहलोत का जवाब, कहीं और बड़ी बातें

Rajasthan Politics : राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा के बयान कि पूर्व सीएम अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैंं इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखा हमला बोला। अशोक गहलोत ने क्या कहा जानें।

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Rajasthan Politics Ashok Gehlot Reply to CM Bhajanlal My Mental Balance is Vot Disturbed other big things

Rajasthan Politics : अवैध खनन पर राजस्थान पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, प्रदेश में अवैध खनन की बाढ़ आ गई है। राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा को सलाह देते हुए कहाकि मुख्यमंत्री को चाहिए कि शासन पर ध्यान दें। सरकार की स्थिति अच्छी नहीं है। भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है, काम नहीं हो रहे, सरकार किस दिशा में जा रही है किसी को नहीं पता। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत ने सोमवार देर शाम जयपुर में मीडिया से बातचीत में यह बयान दिया।

भजनलाल का अशोक गहलोत का जवाब

इसके साथ ही राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा के बयान कि पूर्व सीएम अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैंं इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा मैं पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम भजनलाल शर्मा को विश्वास दिलाता हूं कि मेरा मानसिक संतुलन बिल्कुल नहीं बिगड़ा है।

मेरा मानसिक संतुलन ठीक है

अशोक गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी ने तो कहा था कि मैं सेवा करने के लिए 125 साल जिंदा रहना चाहता हूं, और मैं कह रहा हूं मैं कम से कम 100 साल जिंदा रहना चाहता हूं, ताकि राजस्थानवासियों की सेवा कर सकूं। जिसकी भावना इतनी बड़ी हो कि वह 100 साल तक सिर्फ सेवा करने के लिए जीवित रहना चाहता है, उसका मानसिक संतुलन हमेशा कायम रहेगा, यह मैं सीएम भजनलाल को विश्वास दिलाना चाहता हूं।

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मतलब डेढ़ साल तक सरकार निकम्मी साबित हुई

अशोक गहलोत ने आगे कहा, राज्य में पेयजल संकट है। भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। काम नहीं हो रहे। सरकार किस दिशा में जा रही है किसी को नहीं पता। ऐसे समय में प्रदेश के सीएम और उनकी कैबिनेट, विधायक प्रशिक्षण शिविर के लिए गुजरात में हैं। इसीलिए चारों ओर की स्थिति ऐसी बन गई है। आप गुजरात में डेढ़ साल बाद प्रशिक्षण लेने के लिए गए हो। इसका मतलब डेढ़ साल तक आपकी सरकार निकम्मी साबित हुई, नकारा रही, कुछ काम नहीं किया। इसलिए डेढ़ साल के बाद में अब आप वहां पर प्रशिक्षण लेंगे। वहां पर प्रशिक्षण लेने का क्या तर्क है?।

मेरी आलोचना, सलाह भी होती है…

अशोक गहलोत ने कहा कि मेरी आलोचना के साथ साथ सलाह भी होती है। मेरा अपना अनुभव है तो मेरी ड्यूटी बनती है कि मैं चाहे सत्ता पक्ष हो चाहे विपक्ष हो, अगर मैं बात कहूं तो वो सिर्फ आलोचना करने के लिए नहीं बल्कि उसमें सलाह भी होती है। अब समझने वाला क्या समझता है, यह अलग बात है।

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