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राजस्थान में 1650 मेगावाट बिजली का टोटा, गांवों व कस्बों में बिजली कटौती की मार

Rajasthan Power Crisis राजस्थान में बिजली संकट गहराता जा रहा है। 8 विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद होने से बिजली संकट दूसरे दिन भी बना रहा। कस्बों और गांवों में दूसरे दिन भी लोगों को बिजली की अघोषित कटौती से परेशान होना पड़ा।

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Rajasthan Power Crisis जयपुर। राजस्थान में बिजली संकट गहराता जा रहा है। 8 विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद होने से बिजली संकट दूसरे दिन भी बना रहा। कस्बों और गांवों में दूसरे दिन भी लोगों को बिजली की अघोषित कटौती से परेशान होना पड़ा। शुक्रवार को बिजली की मांग 13959 मेगावाट की रही, जबकि 12309 मेगावाट ही बिजली की आपूर्ति हो पायी। ऐसे में मांग और आपूर्ति में 1650 मेगावाट का अंतर रहा।

इस बीच राहत की बात यह भी रही की शाम को छबड़ा थर्मल की 660 मेगावाट क्षमता की एक सुपर क्रिटिकल इकाई से बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। हालांकि अभी भी सरकारी बिजली उत्पादन कंपनियों की 5 यूनिटें और अडानी की दो यूनिट से बिजली उत्पादन ठप है। प्रदेश में सरकारी बिजली उत्पादन कंपनियों की 23 थर्मल इकाइयों में से 18 इकाइयां चालू रही, इनसे 5550 मेगावाट बिजली उत्पादन हो किया जा रहा है, जबकि 2030 मेगावाट की पांच इकाइयां बंद रही।

यह भी पढ़े : Rajasthan Power Crisis: राजस्थान में विद्युत उत्पादन की 8 इकाइयां ठप, 4 से 5 घंटे बिजली गुल

विद्युत उत्पादन निगम के अफसरों की मानें तो एक दिन पहले सूरतगढ़ की तीन इकाइयां अचानक बंद हो गई है, इनमें दो इकाइयों सुपर क्रिटिकल की शामिल है, जिनसे 1320 मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया है, जबकि यहां की एक 250 मेगावाट की इकाई भी अचानक बंद हो गई है, जिससे चलते बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया। वहीं छबड़ा की देा इकाइयां भी बंद हो गई, इनमें एक 660 मेगावाट की सुपर क्रिटीकल इकाई को शाम को चालू कर दिया गया, जबकि एक इकाई अभी भी बंद है। वहीं कोटा की 210 मेगावाट की एक विद्युत इकाई अभी भी बंद है।