
Rajasthan Assembly (Patrika Photo)
जयपुर: डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने सोमवार को विधानसभा में राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025 पर प्रवर समिति की रिपोर्ट पेश की। प्रवर समिति ने कोचिंग सेंटर की परिभाषा में बदलाव और उन पर जुर्माना कम करने की सिफारिश की है, जिसके आधार पर संशोधित विधेयक पेश किया गया।
विधेयक पर विधानसभा में तीन सितंबर को विचार किया जाएगा। विधानसभा के बजट सत्र में विधेयक को 24 मार्च को प्रवर समिति को सौंपा गया और 30 मई को 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। समिति ने चार बैठक कर रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया।
कोचिंग विद्यार्थियों की आत्महत्या के बढ़ रहे मामलों पर विधेयक में चिंता जताई है। वहीं, केंद्र सरकार की 16 जनवरी 2024 को जारी गाइडलाइन के अनुसार कोचिंग सेंटर के पंजीयन के दिशा-निर्देशों को इसमें शामिल किया है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कारखाना (राजस्थान सशोधन) विधेयक पेश किया, जिसमें कारखाना श्रमिकों के लिए कार्य की दैनिक समय सीमा बढ़ाने और महिलाओं को रात्रि पारी में भी कारखानों में काम करने की अनुमति देने का प्रावधान है।
परिभाषा : कोचिंग सेंटर मतलब जहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए 100 विद्यार्थी अध्ययनरत हों। पहले यह संख्या 50 थी।
जुर्माना : पहली बार कानून की अवहेलना पर दो लाख के स्थान पर 50 हजार एवं पुन: अवहेलना करने पर पांच लाख के स्थान पर दो लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
केंद्र सरकार की गाइडलाइन में कोचिंग सेंटर में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 16 वर्ष है। प्रवर समिति में इसे शामिल करने का सुझाव आया, लेकिन अन्य कई राज्यों में न्यूनतम आयु का प्रावधान नहीं होने से प्रदेश को राजस्व का नुकसान होने के तर्क के कारण उसे अस्वीकार कर दिया गया।
Published on:
02 Sept 2025 09:54 am
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