
जयपुर। राज्य में सातवें वेतनमान को राज्य सरकार ने लागू कर दिया है और अगले माह के वेतन से इसका लाभ भी मिलने लगेगा। राजस्थान रोडवेज में अभी तक 4200 कर्मचारी (सेवानिवृत हो चुके व कार्यरत) को पांचवे और छठे वेतनमान के एरियर का ही भुगतान नहीं हो सका है। जीवनभर रोडवेज की सेवा कर कार्यमुक्त हुए कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी, उपार्जित अवकाश और पांचवे व छठे वेतनमान का लाभ नहीं मिलने से अच्छा जीवन-जीने की उम्मीद पाले बैठे कर्मचारियों की स्थिति बदतर हो रही है।
धरी रह गई उम्मीदें
सूत्रों के मुताबिक हर कर्मचारी के रोडवेज पर 7 से 12 लाख तक बकाया हैं। इस राशि के नहीं मिलने से घर बनाने, बच्चों की शादी करने और बुढापे के लिए कोई योजना बनाए बैठे कार्मिकों की सभी उम्मीदें धरी रह गई हैं। रोजाना रोडवेज मुख्यालय व कार्यालयों के इसी उम्मीद में चक्कर लगा रहे हैं कि कभी तो उनकी सरकार सुनेगी। कई कर्मचारी तो यह पीड़ा भी जाहिर करने लगे हैं कि शायद उन्हें जीते-जी रोडवेज बकाया का भुगतान करेगा।
विधानसभा में उठा मामला
हाल ही विधानसभा में भी यह मामला आया था, जिसमें कहा गया है कि भुगतान रोडवेज की रोकड़ तरलता की स्थिति अनुकूल होने पर ही किया जा सकेगा। लेकिन रोडवेज में रोकड़ तरलता की स्थिति आने की फिलहाल कतई उम्मीद नहीं जताई जा रही।
3200 करोड़ के घाटे में रोडवेज
राजस्थान रोडवेज एक दशक से ज्यादा समय से घाटे में चल रहा है। यह घाटा बढ़कर करीब 3200 करोड़ पर पहुंच गया है। हर माह रोडवेज का घाटा 50 से 60 करोड़ के आसपास होना बताया जा रहा है। ऐसे में रोडवेज की वित्तीय स्थिति में सुधार फिलहाल हो पाना संभव नहीं लग रहा। हर साल रोडवेज के घाटे में 700 रुपए से ज्यादा का इजाफा हो रहा है। हालात यह है कि सयम पर कर्मचारियों को रोडवेज भुगतान तक नहीं कर पा रही।
Published on:
28 Oct 2017 07:08 pm
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