यूरोलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शिवम प्रियदर्शी ने बताया कि 35 वर्षीय मरीज की हादसे में पेशाब की नली फट गई थी। उसे संक्रमण भी हो गया था। ऐसे में रोबोट के जरिये एयर डॉकिंग तकनीक से रोबोटिक असिस्टेड एनास्टोमोटिक यूरेथ्रोप्लास्टी सर्जरी की गई। रोबोट के माध्यम से ऐसा पहली बार किया गया है। अब तक रोबोट के माध्यम पेट के अंदर की सर्जरी की जाती रही है, लेकिन पहली बार बाहरी हिस्से की सर्जरी की गई है। इसमें रोबोट के आर्म्स ने सफल सर्जरी की है।
एक साल में हो चुकी 100 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी
बता दें कि जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल उत्तर भारत का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल है, जहां रोबोटिक सर्जरी की जाती है। यहां एक साल पहले रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत हुई थी। एक साल पहले यहां 50 करोड़ की लागत से दो रोबोटिक सिस्टम स्थापित किए गए थे। तब से लेकर अब तक एसएमएस अस्पताल के सुपरस्पेशलिटी सेंटर में यूरोलॉजी डिपोर्टमेंट 105 रोबोटिक सर्जरी कर चुका है।