
Rajasthan Terrorist network exposed (Patrika Photo)
जयपुर/जोधपुर/जालोर: खुफिया विभाग (आईबी) की सूचना पर राज्य की एंटी टैरेरिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) ने आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत कार्रवाई कर शुक्रवार को जयपुर, जोधपुर, जालोर और करौली से पांच लोगों को हिरासत में लिया है। ये सभी विदेश में संदिग्ध व्यक्तियों के संपर्क में थे और विदेश यात्रा की योजना बना रहे थे।
बता दें कि इन पर आतंकी और संदिग्ध संगठनों से जुड़ाने व चंदा एकत्रित कर आर्थिक सहायता (फंडिंग) करने का भी संदेह है। इनसे कुछ मोबाइल, चंदे की रसीदें और अन्य सामग्री कब्जे में ली गई है। सभी से जयपुर में पूछताछ की जा रही है।
एटीएस की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, सांचोर से उसामा उमर और जोधपुर के पीपाड़ से मसूद को हिरासत में लिया है, दोनों भाई हैं। इसी प्रकार जोधपुर सिटी से मोहम्मद अयूब पुत्र अब्दुल गफ्फार को, करौली से मोहम्मद जुनेद पुत्र हाफिज मजहर और जयपुर से बसीर पुत्र सगीरूदीन को हिरासत में लिया है।
सूत्रों का कहना है कि पांच व्यक्तियों के आतंकी संगठनों से जुड़े होने का संदेह है। जो आर्थिक मदद कर रहे थे। मसूद के पास चंदे की कुछ रसीदें भी मिली हैं।
जानकारी के अनुसार, अयूब और उस्मान/ओसामा दोनों भाई हैं। जो स्थानीय मदरसों में बतौर मौलाना बच्चों को पढ़ाते हैं। अयूब गत 10-15 साल से जोधपुर के चोखा में बोम्बे आवास योजना में रह रहा है। वो चोपासनी गांव स्थित मदरसे में बच्चों को पढ़ाता है। उधर, पीपाड़ से पकड़ में आने वाला मसूद मूलत: बाड़मेर जिले का रहने वाला बताया जाता है।
जोधपुर स्थित बोम्बे आवास योजना में तलाशी लेकर अयूब खान को हिरासत में लिया। उससे दो मोबाइल, चंदा एकत्रित करने संबंधी कुछ रसीदें और अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए गए। वहीं, पीपाड़ शहर में संदिग्ध मसूद की तलाश में मकान में छापा मारा, लेकिन वो अपने ठिकाने पर नहीं मिला। संभवत: उसे कार्रवाई की भनक लग गई थी।
हालांकि, तलाश के बाद एटीएस ने मसूद को पकड़ लिया। उससे भी मोबाइल और दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं। इसी प्रकार जालोर के सांचोर में झेरड़ियावास में दबिश देकर उस्मान/ओसामा उर्फ अनवर खान को हिरासत में लिया है, जो बाड़मेर जिले के रामसर गांव का निवासी बताया जा रहा है। वह सांचोर की एक मस्जिद में मौलवी के रूप में कार्यरत है।
विदेशी लोगों से फंडिंग के मामले में पांच को हिरासत में लिया गया है। इनसे गहनता से पूछताछ की जा रही है। इनसे मिले डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच करवाई जा रही है। अभी इनको गिरफ्तार नहीं किया है। यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि विदेश से फंडिंग करने वाले लोग कौन हैं और उनका क्या उद्देश्य है।
-दिनेश एमएन, एडीजी एटीएस-एजीटीएफ
Published on:
01 Nov 2025 07:30 am
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