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राजस्थान: इस नदी पर 18 साल बाद चली चादर, अब भी बह रहा पानी; लोगों की लगी रहती है भीड़

सांवा नदी की रपट पर करीब एक माह से बह रही पानी की चादर युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है।

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सांवा नदी की रपट पर नहाने के लिए लगी भीड़। Photo- Patrika

जयपुर/ आंधी। पंचायत समिति क्षेत्र के नाभावाला गांव में सैंथल सागर बांध से निकलने वाली सांवा नदी की रपट पर करीब एक माह से बह रही पानी की चादर अब स्थानीय युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। सुबह से शाम तक नदी किनारे नहाने और तैरने वालों की भीड़ लगी रहती है।

सैलानी भी यहां रुककर लुत्फ उठा रहे

नाभावाला के अलावा बोरोदा, रामपुरा, उदावाला, बापी, डांगरवाड़ा, खरताला, किशनावाला, नीमला, झाझरवाला और बीनावाला गांवों के युवा यहां घंटों पानी में मस्ती करते नजर आते हैं।

सांवा नदी दौसा-अलवर वाया टहला स्टेट हाईवे से सटी होने के कारण भानगढ़ आदि पर्यटन स्थलों पर जाने वाले सैलानी भी यहां रुककर ठंडे पानी का लुत्फ उठा रहे हैं। युवाओं में कमर पर खाली प्लास्टिक बोतलें और वाहन टायर बांधकर तैरने का चलन देखने को मिल रहा है।

भूजल स्तर में भी बढ़ोतरी की उम्मीद….

ग्रामीणों ने बताया कि इस वर्ष मानसून के दूसरे दौर में सैंथल सागर बांध के कैचमेंट क्षेत्र में हुई अच्छी वर्षा से बांध में 29 फीट की क्षमता में से 28.5 फीट तक पानी भर गया।

इससे बांध के रिसाव से नदी की रपट पर 18 साल बाद पानी बहना शुरू हुआ है। पानी के बहाव से नाभावाला, खरताला, सैंथल, बीना वाला, उदावाला सहित लगभग पांच दर्जन गांवों का भूजल स्तर तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। इससे क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही पेयजल किल्लत में राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।