
पत्रिका फोटो
Rajasthan News: राम जल सेतु लिंक परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) के तहत धरातल पर जल्द काम शुरू होगा। एमओए (मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) के बाद संयुक्त डीपीआर तैयार करने के लिए बुधवार को नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी की अध्यक्षता में राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के अधिकारियों की बैठक हुई।
सचिव ने दोनों राज्यों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यक संशोधनों को शामिल करते हुए आगामी 15 दिन में डीपीआर सौंपें। बैठक में राजस्थान के जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार शामिल हुए। एमओए के अनुसार राजस्थान को 4102.60 और मध्यप्रदेश को 3120.09 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी मिलना है।
राजस्थान को 4102.60 एमसीएम पानी उपलब्ध होगा। इसमें से 1744 एमसीएम पेयजल, 205.75 एमसीएम उद्योग, 1159.38 एमसीएम जल नए सिंचित क्षेत्र, 615.43 एमसीएम जल पूर्व निर्मित बांधों में जल अपवर्तन के लिए, 108 एमसीएम जल भू-जल पुनर्भरण के लिए उपयोग किया जा सकेगा। बाकी 270 एमसीएम जल का उपयोग खराब मानसून के समय में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं डीपीआर के अनुसार अन्य विकास कार्यों में उपयोग लेंगे। इसमें 522.80 एमसीएम पुनः चक्रित पानी शामिल है।
बैराज : कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्बती नदी पर महलपुर बैराज, कालीसिंध नदी पर नवनेरा बैराज, मेज नदी पर मेज बैराज, बनास नदी पर नीमोद राठौड़ बैराज बनेगा।
कृत्रिम जलाशय : अजमेर और अलवर में बनेंगे।
बांध निर्माण : ईसरदा, डूंगरी।
बीसलपुर बांध की क्षमता 0.50 मीटर बढ़ाई जाएगी।
यह वीडियो भी देखें
राजस्थान के 17 जिले- जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली,धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, टोंक।
मध्यप्रदेश के 13 जिले- गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़।
Published on:
13 Feb 2025 07:50 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
