
पीएचईडी मुख्यालय जयपुर, पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। जिले के दूदू में पेयजल परियोजनाओं में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशों के बाद हटाए गए जलदाय विभाग के दूदू अधिशासी अभियंता जितेन्द्र शर्मा और दूदू में पेयजल परियोजनाओं पर काम कर रही फर्म की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। विभाग की एक जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दूदू में भी जल जीवन मिशन की तरह बिना काम किए फर्मों को करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया। दूदू के 71 गांवों में पेयजल परियोजनाओं के रख रखाव का 3 करोड़ से अधिक का टेंडर लेने वाली फर्म विष्णु प्रकाश पुंगलिया ने अधिशासी अभियंता शर्मा की मिलीभगत से 35 की जगह केवल कर्मचारी तैनात किया।
दूदू और नरैना के 71 गांवों में पेयजल परियोजनाओं के रख-रखाव को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायतें पहुंचीं, जिसके बाद जांच शुरू हुई। सहायक अभियंता धारा सिंह ने नरैना पंप हाउस पर जांच की तो मौके पर केवल एक कर्मचारी मिला। जबकि विभाग को दिए गए बिलों में फर्म ने 16 सहायक कर्मचारी, 8 फिटर, 2 पंप चालक, 2 इलेक्ट्रिशियन, 1 सुपरवाइजर और 4 माली कार्यरत बताए गए थे और उसी आधार पर भुगतान किया गया। फर्म ने 25 महीने में बिना काम ही 92 लाख रुपए का भुगतान उठा लिया। फर्म की ओर से दिए सभी बिलों को दूदू सहायक अभियंता जीतेश कुमार मीणा ने सत्यापित कर भुगतान किया।
जल भवन के वरिष्ठ इंजीनियरों में चर्चा रही कि जितेन्द्र शर्मा के खिलाफ 8 चार्जशीट हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान दूदू में एसीबी ने उन्हें ट्रैप किया था और वे चार महीने तक जेल में भी रहे। इसके बावजूद उन्हें फील्ड पोस्टिंग कैसे मिली, इसकी जांच की मांग उठ रही है। शर्मा को निलंबित करने के बजाय केवल एपीओ करना भी विभाग के आला अफसरों को चौंका रहा है।
दूदू में तैनात अधिशासी अभियंता जितेंद्र शर्मा के तेवर दूदू में फिर से पोस्टिंग मिलने के बाद से बदल गए। अपने अधीनस्थ कर्मचारियों तक से उनका व्यवहार बेरुखा रहा है। वहीं क्षेत्र के पेयजल उपभोक्ता भी बार बार उच्च स्तर पर अधिशासी अभियंता की शिकायतें करते रहे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। ऐसे में दूदू क्षेत्र की पेयजल वितरण व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई।
Published on:
09 Dec 2025 08:49 am
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