21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

RAS Exam 2023: आरपीएससी ने दी बड़ी राहत, मुख्य परीक्षा 2023 के अभ्यर्थियों को मिलेगा पुनर्गणना का अवसर

RPSC Updates: राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं परीक्षा: अब साक्षात्कार योग्य और हॉरिजोंटल श्रेणी के असफल अभ्यर्थी करा सकेंगे प्राप्तांकों की पुनर्गणना। 17 से 26 नवम्बर तक ऑनलाइन आवेदन से होगा प्राप्तांकों की पुनर्गणना, प्रति प्रश्न 25 रुपये शुल्क निर्धारित।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Rajesh Dixit

Nov 13, 2025

फोटो: पत्रिका

RPSC Re-totalling: जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2023 के मुख्य परीक्षा परिणाम से संबंधित एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। आयोग ने साक्षात्कार के लिए सफल अभ्यर्थियों तथा हॉरिजोंटल श्रेणी (विभागीय कर्मचारी, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी एवं दिव्यांग वर्ग) के असफल अभ्यर्थियों को उनके प्राप्तांकों की पुनर्गणना (Re-totalling) का अवसर प्रदान किया है।

आयोग सचिव के अनुसार, 2 जनवरी 2025 को जारी मुख्य परीक्षा परिणाम के अंतर्गत आने वाले सभी साक्षात्कार के लिए सफल अभ्यर्थी, साथ ही उपरोक्त वर्णित हॉरिजोंटल श्रेणी के असफल अभ्यर्थी 17 नवंबर से 26 नवंबर की रात्रि 12 बजे तक पुनर्गणना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर "एग्जाम डैशबोर्ड" में उपलब्ध लिंक के माध्यम से पूरी की जा सकेगी।

प्राप्तांकों की पुनर्गणना के लिए प्रति प्रश्न 25 रुपये का शुल्क ऑनलाइन माध्यम से जमा करवाना होगा। इस प्रक्रिया के लिए किसी भी प्रकार के ऑफलाइन आवेदन या शुल्क स्वीकार नहीं किए जाएंगे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह अवसर केवल प्राप्तांकों की पुनर्गणना तक सीमित रहेगा, उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) नहीं किया जाएगा।

आरपीएससी के नियमों में प्राप्तांकों की पुनर्गणना का प्रावधान पहले से मौजूद है। इससे पहले, मुख्य परीक्षा परिणाम में असफल रहे अन्य अभ्यर्थियों को 3 से 12 अप्रैल 2025 तक पुनर्गणना का अवसर दिया जा चुका था। आयोग ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे निर्धारित तिथियों के भीतर सावधानीपूर्वक ऑनलाइन आवेदन करें, क्योंकि बाद में कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

यह निर्णय आयोग की पारदर्शिता और अभ्यर्थियों के प्रति निष्पक्षता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।