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सेवानिवृत्त आईजी को मृत्यु के 13 साल बाद मिला न्याय, 32 साल तक चला मुकदमा, हाईकोर्ट ने रद किया पुराना आदेश

Waiting For Justice, High Court Gave Decision : महानिरीक्षक (जेल) को एक मामले में सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले चार्जशीट दी गई। जिससे उनके पेंशन परिलाभ अटक गए। इसको 32 साल गुजर गए। न्याय मिला पर सेवानिवृत्त आईजी (जेल) को मौत के 13 साल बाद।

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High Court Jaipur

महानिरीक्षक (जेल) पद से 32 साल पहले सेवानिवृत्त रामानुज शर्मा को मौत के करीब 13 साल बाद हाईकोर्ट से न्याय मिल पाया है। हाईकोर्ट ने पेंशन काटने के 24 साल पुराने आदेश को रद्द कर दिया है, वहीं काटी गई राशि को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है। न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने रामानुज शर्मा के विधिक उत्तराधिकारी उनके पुत्र कर्नल राम मधुकर शर्मा व चार अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता सुनील समदडिया व अरिहंत समदडिया ने कोर्ट को बताया कि रामानुज शर्मा 30 जून 1991 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन उन्हें 17 साल पुराने एक मामले में सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले चार्जशीट दी गई, जिससे उनके पेंशन परिलाभ अटक गए। सेवानिवृत्ति के 8 साल बाद जून 99 को लंबित मामले में दो साल तक उनकी पांच प्रतिशत पेंशन काटने की सजा दी गई।

सेवानिवृत्ति बाद दंडित नहीं किया जा सकता

प्रार्थीपक्ष ने कहा कि 14 साल बाद चार्जशीट देना गलत है। इसके अलावा सेवानिवृत्ति बाद सेवाकाल के किसी गंभीर मामले में ही दंडित किया जा सकता है, रामानुज शर्मा को जिस मामले में दंडित किया गया वह ज्यादा गंभीर नहीं होने के कारण सेवानिवृत्ति बाद दंडित नहीं किया जा सकता। 24 साल से चल रही इस याचिका के लंबित रहने के दौरान करीब 13 साल पहले रामानुज शर्मा का निधन हो गया।

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