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RGHS: राजस्थान के निजी अस्पतालों में 37 दिन से यूरोलॉजी इलाज बंद, बुजुर्ग परेशान

Rajasthan News: प्रदेशभर के बुजुर्ग मरीजों के लिए यूरोलॉजी इलाज की राह कठिन हो गई है। जानें क्यों

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आरजीएचएस योजना। पत्रिका फाइल फोटो

जयपुर। प्रदेशभर के बुजुर्ग मरीजों के लिए यूरोलॉजी इलाज की राह कठिन हो गई है। रॉयल यूरोलॉजी सोसाइटी और जयपुर यूरोलॉजी सोसाइटी के आह्वान पर निजी अस्पतालों में आरजीएचएस योजना के अंतर्गत यूरोलॉजी ओपीडी, आइपीडी और सर्जरी 16 अगस्त से ठप है। जिसके कारण यूरोलॉजी इलाज की जरूरत वाले बुजुर्ग पेंशनर्स को जेब से पैसे खर्च करना पड़ रहा है।

यूरोलॉजी डॉक्टर संगठन के पदाधिकारियों का दावा है कि बहिष्कार शुरू होने के 37 दिन बाद भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एक बार भी वार्ता की टेबल पर नहीं बुलाया है। संगठनों का कहना है कि यूरोलॉजी सर्जरी में रूम चार्ज, एनेस्थीसिया, दवाइयां, जांच, इंप्लांट, मशीनें और श्रमशक्ति जैसे अनेक खर्च शामिल होते हैं।

वर्तमान में तय किए गए पैकेज अस्पताल के वास्तविक खर्च का महज एक-तिहाई या चौथाई ही है। इतने कम पैकेज पर आधुनिक टेक्नोलॉजी से सर्जरी संभव नहीं। डॉक्टरों को कई बार अपने खर्च भी खुद वहन करने पड़ते हैं।

पिछले भुगतान का भी पुनर्भरण

नहीं: जलदाय विभाग से सेवानिवृत्त पेंशनर ने बताया कि लंबे समय से इलाज चल रहा है, कुछ समय से निजी अस्पतालों ने आरजीएचएस में इलाज बंद कर दिया है। पैसे देकर इलाज करवाना पड़ रहा है। आरजीएचएस में मेरा पिछला भी करीब एक लाख रुपया आज तक पुनर्भरण नहीं हुआ।

न समिति बनी, न ही मांगें सुनी

मरीज और उनके परिजन अब सरकारी अस्पतालों की लंबी कतारों या निजी अस्पतालों में जेब ढीली करने की मजबूरी के बीच फंस गए हैं। खासतौर पर बुजुर्ग तबका सबसे ज्यादा प्रभावित है। यूरोलॉजिस्ट्स का कहना है कि सरकार को कई बार पैकेज दरें संशोधित करने का आग्रह किया गया है, लेकिन अभी तक न तो समिति बनी और न ही मांगें सुनी गई।

मना नहीं कर सकते, कार्रवाई की जाएगी

यूरोलॉजी से संबंधित उपचार दरें सीजीएचएस के अनुरूप और तर्क संगत हैं। ये पैकेज ईजीएचएस, रेलवे सहित अन्य योजनाओं के समकक्ष है। अगर अस्पतालों को समस्या है तो वे कभी भी आकर वार्ता कर सकते हैं। अस्पताल उपचार के लिए मना करते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
-शाहीन अली खान, परियोजना अधिकारी, आरजीएचएस

आज तक वार्ता के लिए नहीं बुलाया

बहिष्कार शुरू होने के साथ ही सरकार को नोटिस देकर जानकारी दी। सार्वजनिक सूचना भी जारी की, लेकिन हमें चिकित्सा विभाग ने अब तक वार्ता के लिए नहीं बुलाया। पैकेज को लेकर परेशानी है।
-देवेन्द्र शर्मा, अध्यक्ष जयपुर यूरोलॉजी सोसायटी