
राजस्थान के जयपुर जिले के बगरू में पशुओं में होने वाली ग्लेंडर बीमारी का पहला मामला सामने आया है। बगरू नोडल अधिकारी डॉ. राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि एक महीने पहले बगरू निवासी सिराज खान अपनी घोड़ी को राजकीय पशु चिकित्सालय लेकर आया। घोड़ी को बुखार था और आंख व नाक से पानी बह रहा था। प्रारंभिक तौर पर घोड़ी में ग्लेंडर बीमारी के लक्षण सामने आए। ग्लेंडर की पुष्टि के लिए सैंपल हिसार की लैब में भेजे गए।
सोमवार को मिली जांच रिपोर्ट में घोड़ी में ग्लेंडर की पुष्टि हुई। इसके बाद घोड़ी को यूथेनाइज (बिना दर्द मृत्यु) किया गया। चिकित्सकीय टीम ने पीपीई किट पहन घोड़ी के शव का निस्तारण किया। यह इंफेक्शन इंसानों के लिए भी बेहद खतरनाक है. इसके इंसानों में भी फैलने का डर है।
क्या है ग्लेंडर रोग
ग्लेंडर बरखेलडेरिया मेलिआई जीवाणु जनित रोग है। घोड़ों के बाद यह मनुष्यों और स्तनधारी पशुओं में पहुंचता है। यह नोटिफाइएबल है, जेनोटिक रोगों की श्रेणी रखा गया है। इसका संक्रमण नाक, मुंह के म्यूकोसल सरफेस और सांस से होता है। मैलिन नाम के टेस्ट से बीमारी को कन्फर्म किया जाता है। घोड़े, खच्चर और गधों के शरीर की गांठों में इंफेक्शन और पस बन जाता है। जानवर उठ नहीं पाता, शरीर में सूजन आ जाती है। बीमारी से पीड़ित होने पर मौत निश्चित है।
Published on:
01 Nov 2022 09:53 am
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