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बीसलपुर डेम पर खतरे की घंटी: वाटर लेवल बढ़ने से निगरानी बढ़ी, यहां छाई मायूसी, जानें कारण

जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर डेम की राउंड द क्लॉक मॉनीटरिंग हो रही है। पिछले सप्ताह तक पानी की हुई बंपर आवक से इस बार भी डेम ओवरफ्लो होने की प्रबल संभावनाएं बन रही हैं।

बीसलपुर डेम स्थित शिव मंदिर, पत्रिका फोटो

जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर डेम की राउंड द क्लॉक मॉनीटरिंग हो रही है। पिछले सप्ताह तक पानी की हुई बंपर आवक से इस बार भी डेम ओवरफ्लो होने की प्रबल संभावनाएं बन रही हैं। हालांकि त्रिवेणी संगम में पानी का बहाव बारिश कमजोर पड़ते ही कम हो गया है लेकिन फिर ​भी जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने 8वीं बार डेम ओवरफ्लो होने की उम्मीद जताई है। दूसरी तरफ डेम के डाउनस्ट्रीम के नजदीक बनास नदी के बहाव वाले इलाकों के बाशिंदों में मायूसी छाई हुई है।

राउंड द क्लॉक मॉनीटरिंग

डेम पर जल संसाधन विभाग ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है जिसमें सहायक और ​कनिष्ठ अभियंताओं के साथ करीब एक दर्जन तकनीकी कर्मचारियों को तैनात किया गया है। डेम में हर एक घंटे में पानी की आवक की मात्रा की गणना की जा रही है। इसके अलावा बनास नदी के बहाव क्षेत्र में भी जल संसाधन विभाग ने गश्त बढ़ा दी है। पानी का कटाव होने की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं।

दूसरी बार हूटर बजने की उम्मीद

राजमहल निवासी मनीष शर्मा का कहना है कि पिछले महीने डेम की मेंटीनेंस के दौरान हूटर बजाए गए थे। वहीं पिछले साल भी डेम ओवरफ्लो होने पर हूटर बजाए गए। इस साल लगातार दूसरी बार डेम के ओवरफ्लो होने की उम्मीद है जिसके चलते आसपास के गांवों के बाशिंदों में उत्साह का माहौल है। ग्रामीण अब जल्द से जल्द हूटर की आवाज सुनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

बनास नदी के बहाव वाले इलाकों में निराशा

भले ही बीसलपुर डेम इस साल फिर ओवरफ्लो होने की संभावना है लेकिन ग्रामीणों का एक बड़ा तबका इस साल खुश नहीं है। बताया जा रहा है कि इस साल डेम ओवरफ्लो होने की स्थिति में डेम के डाउनस्ट्रीम का पानी बनास नदी की बजाय ईसरदा डेम में छोड़ा जाएगा। जिसक चलते बनास नदी के बहाव क्षेत्र के नजदीक बसे ग्रामीणों को नदी से पर्याप्त पानी नहीं मिलने की आशंका है।

त्रिवेणी में घटा जलस्तर

जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि पहले फेज में पिछले सप्ताह डेम में पानी की बंपर आवक हुई थी। अब भीलवाड़ा और चित्तौड़ जिले में बारिश का दौर थोड़ा सुस्त पड़ गया है जिसके कारण त्रिवेणी संगम में भी पानी का बहाव घटकर 3.50 मीटर से घटकर 3.20 मीटर रह गया है। एक बार फिर तेज बारिश का दौर सक्रिय होने पर इस साल जुलाई में ही बांध के गेट खुलने की उम्मीद है। शनिवार दोपहर 12 बजे बांध का जलस्तर 313.68 आरएल मीटर दर्ज किया गया है।