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RTE Admission 2024 : सरकार ने नहीं दिया पैसा तो देनी होगी फीस, स्कूल करवा रहे अभिभावकों से एग्रीमेंट

RTE Admission 2024 : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा विभाग ने आरटीई में प्रवेश के लिए लॉटरी निकाल कर इतिश्री तो कर ली है। लेकिन स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है।

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जयपुर

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Kirti Verma

May 19, 2024

RTE Admission 2024 : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा विभाग ने आरटीई में प्रवेश के लिए लॉटरी निकाल कर इतिश्री तो कर ली है। लेकिन स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। लॉटरी निकलने के बाद स्कूल पहुंच रहे अभिभावकों से समझौता किया जा रहा है। स्कूलों का कहना है कि सरकार अगर नर्सरी कक्षा में आरटीई का पैसा नहीं देती है तो स्कूल की फीस देनी होगी। स्कूलों की ओर से एग्रीमेंट भी करवाया जा रहा है। ऐसे में राजधानी के सैकड़ों अभिभावक असमंजस में हैं। आरटीई लॉटरी में बच्चों का चयन होने के बाद भी प्रवेश के लिए परेशानी हो रही है। इधर, शिक्षा विभाग के पास भी अभिभावकों की ओर से शिकायतें आ रही हैं। वहीं, विभाग के सचिव प्रवेश नहीं देने पर अभिभावकों पर कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं।

आचार संहिता खत्म होने का इंतजार
स्कूलों की ओर से प्रवेश नहीं देने का मामला शिक्षा विभाग के पास पहुंचा है। विभाग अभी इस मामले में कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। बताया जा रहा है कि आचार संहिता खत्म होने के बाद शिक्षा विभाग सरकार स्तर से इस समस्या का हल निकालेगा। ऐसे में अभी शिक्षा विभाग आचार संहिता खत्म होने का इंतजार कर रहा है। इधर, स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। जून में आचार संहिता हटेगी, ऐसे में अभी अभिभावकाें को स्कूलों के चक्कर लगाने होंगे।

क्या है विवाद
शिक्षा विभाग ने 2023-24 में प्री-प्राइमरी कक्षाओं और प्रथम कक्षा में आरटीई के तहत प्रवेश लिए। लेकिन आरटीई का भुगतान सिर्फ प्रथम कक्षा में ही देने का फैसला लिया। इसका निजी स्कूलों ने विरोध किया। शिक्षा विभाग के निर्देशों और कार्रवाई की चेतावनी के बीच निजी स्कूलों ने प्रवेश दे दिया। लेकिन स्कूल अब भुगतान की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने पी3 में आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है, इस बार भी प्री प्राइमरी कक्षा का भुगतान नहीं किया जा रहा है। अब निजी स्कूलों ने प्रवेश देने से इनकार कर दिया है।

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ऐसे समझें
- मानसरोवर निवासी राकेश शर्मा के बेटे का चयन घर के पास ही एक बड़े स्कूल में नर्सरी कक्षा में हुआ है। लॉटरी में सातवां नंबर आया है। स्कूल जाकर पता कि तो कहा गया कि नर्सरी में आरटीई के तहत प्रवेश नहीं होगा। सरकार पैसा नहीं देती है तो फीस देनी होगी।

- सांगानेर निवासी सौरभ गुप्ता की बेटी का चयन जगतपुरा के स्कूल में हुआ है। यहां पर भी नर्सरी कक्षा में प्रवेश से इनकार कर दिया। स्कूल प्रशासन ने कहा है कि आरटीई के पैसा आने के बाद ही प्रवेश होंगे।

पिछले दो साल से सरकार अभिभावकों को आरटीई प्रवेश के नाम पर छल रही है। निजी स्कूल बेलगाम हो गए हैं। स्कूलों पर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। स्कूल प्रवेश से पहले अभिभावकों से एग्रीमेंट ले रहे हैं। यह शिक्षा के अधिकार कानून का उलंघन है।
-अभिषेक जैन, प्रवक्ता संयुक्त अभिभावक संघ

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शिक्षा विभाग ने हमारे साथ बैठक की थी। हमने उन्हें स्पष्ट कह दिया है कि पहले प्री प्राइमरी कक्षा में आरटीई का भुगतान किया जाए। इसके बाद ही प्रवेश दिए जाएंगे।
-डॉ. एल सी भारतीय, अध्यक्ष स्वयं सेवी शिक्षण संस्था संघ

हमारे पास अभिभावकों की शिकायतें आ रही है। शिक्षा सचिव के निर्देश है कि नर्सरी कक्षा में आरटीई के तहत प्रवेश देना जरूरी है। प्रवेश नहीं देने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-राजेन्द्र शर्मा हंस, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक