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जयपुर। राजधानी में संचालित हो रहे करीब 40 हजार पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वाहनों की हर सूचना जल्द ही यात्रियों के पास होगी। वाहन के परमिट से लेकर चालक-परिचालक और फिटनेस, बीमा संबंधित जानकारी वाहन मालिकों को लगानी होगी।
परिवहन विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। जयपुर से इसकी शुरुआत की जा रही है। जयपुुर में संचालित मिनी बस, लो-फ्लोर, ऑटो, कैब कार, ई-रिक्शा सहित अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वाहनों में इसे लागू करवाया जाएगा। इसके बाद इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इस संबंध में जयपुर आरटीओ ने वाहन चालकों और संगठनों को आदेश जारी कर दिए हैं। पांच मार्च के बाद इस संबंध में आरटीओ स्तर पर अभियान चलाया जाएगा और संगठनों से समझाइश की जाएगी। इसके बाद पालना नहीं करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सार्वजनिक परिवहन सेवा के वाहनों में दोनों साइड संचालकों को 18 इंच की पट्टी लगानी होगी। इसमें वाहन संबंधित सभी जानकारी देनी होगी। पट्टी का रंग नगरीय सेवा में गुलाबी, उप नगरीय सेवा में हल्का नीला और ग्रामीण सेवा में संचालित वाहनों के लिए पीला होगा। पट्टी लगाना अनिवार्य होगा।
राजधानी में करीब 40 हजार सार्वजनिक परिवहन सेवा के निजी वाहन संचालित हो रहे हैं। इनमें रोज करीब तीन लाख यात्री सफर कर रहे हैं। लेकिन इन वाहनों का संचालन करने वाले चालक और परिचालक कौन हैं और इनकी पहचान क्या है, इसकी जानकारी न तो यात्री, न ऑपरेटर्स और न ही पुलिस के पास है।
यही कारण है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के निजी वाहनों का संचालन निजी ऑपरेटर्स, कैब कंपनियों और व्यक्तिगत तौर पर ही किया जा रहा है। लेकिन ऑपरेटर्स, कैब कंपनियों की ओर से चालक और परिचालकों का न तो पुलिस वैरिफिकेशन कराया जाता है, न ही आइडी कार्ड जारी किया जाता है। महिला यात्रियों को खास दिक्कत का होती है।
बीते दिनों राजस्थान पत्रिका ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। इसमें बताया कि जयपुर में हजारों वाहन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में संचालित हो रहे हैं। लेेकिन यात्रियों को इनकी सूचना नहीं होती। कई बार वाहनों में ही यात्रियों की सुरक्षा में चूक सामने आती है। पत्रिका ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए मामला उठाया था।
हमने सभी वाहन संचालकों और एसोसिएशन को पत्र जारी कर दिया है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन मालिकों को वाहन संबंधित सूचना देनी होगी। इसका एक प्रस्ताव प्रदेश स्तर पर लागू करने के लिए परिवहन विभाग को भी भेजा जा रहा है। -राजेन्द्र सिंह शेखावत, आरटीओ प्रथम जयपुर
Updated on:
05 Mar 2025 07:56 am
Published on:
05 Mar 2025 07:42 am
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