
सरिता सिंह
देवेंद्र सिंह राठौड़
जयपुर. जिंदगी में परिस्थितियां कभी भी बदल सकती हैं, इसलिए महिलाएं खुद को मजबूत, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएं। कुछ इसी राह पर चल रही हैं सरिता सिंह, जो प्रदेश के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन पर बतौर स्टेशन मास्टर कार्यरत हैं। जयपुर स्थित श्यामनगर निवासी सरिता बताती हैं कि उनके पति सेंट्रल मुंबई में रेलवे में कार्यरत थे। मुंबई से संस्कृत भाषा में पीएच.डी. पूरी करने के बाद वह एक निजी कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थीं। वर्ष 2017 में उनके पति की अचानक किसी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई। इसके एक वर्ष बाद पति के स्थान पर उनकी रेलवे में नौकरी लग गई। उन्हें पहली पोस्टिंग जयपुर में ही मिली। उसके बाद से वह जयपुर जंक्शन पर ही कार्यरत हैं। गत महीने उन्हें उत्कृष्ट कार्य करने पर जयपुर मंडल के डीआरएम की ओर से 67वें रेल सप्ताह समारोह, 2022 में प्रशस्ति पत्र देकर भी सम्मानित किया है।
अचानक आ गई जिम्मेदारी, घबराई नहीं
सरिता बताती हैं कि पति की मौत के बाद उनकी जिंदगी में अचानक सब कुछ बदल गया था। खुद के साथ-साथ बेटा अक्षत और बेटी सिद्धि की जिम्मेदारी भी उन पर आ गई थी, लेकिन वह घबराई नहीं। वह बेटी सिद्धि को डॉक्टर बनाना चाहती हैं।
हर पल चुनौती से मजबूत बनी हैं सरिता
यह बताती हैं कि स्टेशन मास्टर का कार्य हर वक्त चुनौतीपूर्ण रहता है। यहां सबसे ज्यादा रेल ट्रैफिक रहता है। रोजाना 150 से ज्यादा ट्रेनें और 50 से ज्यादा मालगाड़ियों की आवाजाही रहती है। इसके अलावा 50 हजार से ज्यादा लोगों का स्टेशन पर आवागमन होता है। इन सबकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर की होती है। इसलिए तनाव भी रहता है, लेकिन अब उन्हें दिक्कत नहीं होती। शुरुआत में वह घबरा जाती थीं। अब टाइम मैनेजमेंट, सिग्नल मैनेजमेंट इत्यादि आदि संभाल रही हैं।
Published on:
10 Jul 2022 05:10 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
